Thursday 15 October 2020

वैचारिक परिवर्तन से भी आपराधिक प्रवृति के लोगों को सुधारना संभव : पुलिस आयुक्त



फरीदाबाद 15 अक्तूबर (Repco News)। कार्यालय पुलिस आयुक्त, फरीदाबाद में एन॰आई॰टी॰ व बल्लबगढ़ जोन के पुलिस उपायुक्तों व सभी सहायक पुलिस आयुक्तों, प्रभारी थाना व चौकी प्रभारियों की संगोष्ठी के दौरान सभी अधिकारियों से पिछले सप्ताह किए गए कार्यों की जानकारी लेते हुए पुलिस आयुक्त श्री ओ॰ पी॰ सिंह ने कहा कि जिन लोगों के विरूद्ध अभियोग अंकित है और उनका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे लोगों के साथ बातचीत करके उनके अपराध करने की मजबूरी या कारण का पता लगाया जाए, क्योंकि कुछ लोग गरीबी के कारण, कुछ लोग अकस्मात उत्तेजनावश, कुछ लोग उनके चाहने वालों की मांग पूरी करने के लिए और कुछ लोग नशे की लत के कारण अपराध कर बैठते हैं।

ऐसे लोगों को समझा बुझाकर तथा अपराध की दुनिया की दुर्दशा से अवगत करवाकर सही रास्ते पर लाया जा सकता है, ताकि वे आप्राधिक प्रवृति को न अपनाएँ। किसी भी प्रकार के दंड का अंतिम उद्देश्य सुधार या परिवर्तन करके सद्मार्ग पर लाना ही है, लेकिन कहते हैं कि वैचारिक परिवर्तन ही वास्तविक परिवर्तन है, क्योंकि किसी भी कार्य को जमीनी स्तर पर किए जाने से पूर्व विचारों में किया जाता है। अतः ऐसे लोगों में वैचारिक परिवर्तन लाने के लिए यथा संभव प्रयास किए जाएँ। इसके लिए योग, आध्यात्म और प्रेरक प्रसंगों का भी सहारा लिया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अभियोगों के अनुसंधान और शिकायतों की जाँच पूर्ण करने का कार्य साप्ताहिक लक्ष्य रखकर किया जाए और हर सप्ताह प्रगति की ओर अगसर रहना चाहिए। अधिकारियों के स्तर पर एक शिकायत प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए, जिसके तहत देखा जाए कि शिकायतकर्ता इससे पूर्व शिकायत करने किसके पास गया था और वहाँ इसका समाधान क्यों नहीं हो पाया। शिकायतों के शीघ्र निपटारे के लिए अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र के थानों में तैनात पुलिस कर्मियों का मार्गदर्शन करें और एक लक्ष्य निर्धारित प्रणाली के तहत कार्य करने के लिए प्रेरित करें।

जेसे अपराधी अपराध करने में नई-नई युक्तियाँ प्रयोग करते हैं वैसे ही पुलिस को नित्यप्रति उनकी काट खोजती रहे ताकि अनुसंधान का कार्य सरल हो सके। समय और ध्यान मनुष्य के पास दो ऐसी चीजें हैं कि इनको जिधर लगाया जाएगा, उधर सफलता मिलती चली जाएगी। अतः अपने समय और ध्यान को कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांति स्थापित करने में लगा कर रखें।

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