उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाऊन की वजह से पहले से ही दुकानदार व व्यापारी वर्ग बुरी तरह से दुखी है। सरकार को चाहिए था कि वह दुकानदारों को प्रोत्साहन व आर्थिक पैकेज के माध्यम से राहत प्रदान करती। जिससे व्यापारी वर्ग को भी कुछ सहायता मिल जाती। लेकिन यह सहायता व राहत देना तो दूर उल्टा बाजार बंद का फरमान जारी कर हरियाणा सरकार ने प्रदेश के व्यापारी वर्ग को भूखे मरने की नौबत पर लाकर खड़ा कर दिया है। लॉकडाऊन के दौरान से ही व्यापारी वर्ग को अपने वर्कर, घर व दुकान के बिजली बिल, बच्चों की स्कूल फीस सहित तमाम खर्चे सहन करने पड़ रहे हैं, लेकिन उनके काम धंधे पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं। लेकिन अब धीरे धीरे ही सही व्यापारी वर्ग के काम पटरी पर आने लगे थे तो एक बार फिर से सरकार ने बाजार बंद की घोषणा कर उनके लिए जीवित रहने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि बंद करने की इस घोषणा से शराब के ठेकों को क्यों अलग रखा गया है, यह भी एक बड़ा सवाल है। आखिर भाजपा सरकार शराब ठेकेदारों पर इतना प्यार क्यों लुटा रही है।
विजय प्रताप ने कहा कि कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है और व्यापारियों के हित में संघर्ष करेगी।
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