Wednesday 11 August 2021

फरीदाबाद : सुरक्षित यातायात के लिए परिवहन विभाग व मारुति द्वारा मॉडल रोड सेफ्टी नॉलेज सेंटर


फरीदाबाद, 11 अगस्त। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव शत्रुजीत कपूर ने कहा कि सुरक्षित ड्राइविंग के लिए परिवहन विभाग एवं मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) द्वारा फरीदाबाद में शुरू किया गया मॉडल सड़क सुरक्षा ज्ञान केंद्र (आरएसकेसी) मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षित ड्राइविंग को व्यवहारिक बनाने के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता में यह सराहनीय कदम है। वह सोमवार को सड़क सुरक्षा केंद्र के उद्घाटन अवसर पर अधिकारियों को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए शत्रुजीत कपूर,  हरियाणा ने

सड़क सुरक्षा में सुधार लाने और सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार को विकसित करने के लिए परिवहन विभाग एवं मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल)  ने आज फरीदाबाद में एक मॉडल सड़क सुरक्षा ज्ञान केंद्र (आरएसकेसी) का उद्घाटन किया गया।

इस मॉडल आरएसकेसी का उद्घाटन शत्रुजीत कपूर, प्रधान सचिव (परिवहन), हरियाणा ने अमिताभ सिंह ढिल्लों,  परिवहन आयुक्त, हरियाणा, जितेंद्र यादव, उपायुक्त, फरीदाबाद और  राहुल भारती, कार्यकारी निदेशक, मारुति सुजुकी  की उपस्थिति में किया गया  इस ऑनलाइन समारोह में परिवहन विभाग हरियाणा, फरीदाबाद प्रशासन और मारुति सुजुकी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

फरीदाबाद में मॉडल आरएसकेसी, सड़क उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करने और शहर में सड़क सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करेगा, 2-आयामी दृष्टिकोण में यह लर्नर लाइसेंस के उम्मीदवारों को बुनियादी सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करेगा, और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों में लोगों  को शिक्षित करेगा, लर्निंग लाइसेंस आवेदक मॉडल आरएसकेसी पर ऑनलाइन ड्राइविंग टेस्ट  के लिए भी उपस्थित हो सकेंगे।

उद्घाटन करते हुए  शत्रुजीत कपूर ने कहा कि “सड़क सुरक्षा एक सतत राष्ट्रीय चिंता है। देश के हादसों को कम करने के लक्ष्य के अनुरूप हरियाणा राज्य ने भी 2030 तक सड़क हादसों को आधे से ज्यादा कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रत्येक सड़क उपयोगकर्ता को सड़क सुरक्षा को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी बनाना होगा, तभी हम दुर्घटना रहित हरियाणा का सपना पूरा कर  सकेंगे।  यह रोड सेफ्टी नॉलेज सेंटर इसे व्यवहारिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। इस केन्द्र के द्वारा नए लाइसेंस चाहने वालों और आम लोगों को सही सड़क उपयोग और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों का बुनियादी ज्ञान प्रदान किया जाएगा। सुरक्षित सड़कों के लिए मारुति सुजुकी की प्रतिबद्धता के बारे में विस्तार से बताते हुए, राहुल भारती ने कहा कि “मारुति सुजुकी जिंदगी बचाने के इस पहल में हरियाणा के परिवहन विभाग के साथ साझेदारी करके खुश है। हम राज्य में सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मारुति सुजुकी में हम सड़क सुरक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपना रहे हैं। वाहन डिजाइन से लेकर सड़क सुरक्षा शिक्षा तक। भारत में 80 प्रतिशत से अधिक सड़क दुर्घटनाएं मानवीय भूल के कारण होती हैं। हमें उम्मीद है कि यह मॉडल आरएसकेसी शहर में सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार का आचरण विकसित करेगा। इस बारे उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि  मॉडल रोड सेफ्टी नॉलेज सेंटर, फरीदाबाद

पहली मंजिल, ई-दिशा केंद्र, मिनी सचिवालय, सेक्टर 12, फरीदाबाद, हरियाणा में स्थित किया गया है। जिसके अंतर्गत  मॉडल मे आरएसकेसी सुविधा 2200 वर्ग फुट क्षेत्र में स्थापित की गई है। जिसमें स्वागत के लिए वातानुकूलित और निर्दिष्ट क्षेत्र, डॉक्टर का कमरा, अलग प्रशिक्षण कक्ष हैं। सुविधा में ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस टेस्ट के लिए क्यूबिकल के साथ समर्पित क्षेत्र भी शामिल है। मॉडल आरएसकेसी सुविधा किसी भी मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता के बिना, ऑनलाइन सिद्धांत परीक्षण की निगरानी और सुचारू संचालन के लिए एनआईसी द्वारा विकसित ए.आई.(आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) आधारित तकनीक का भी उपयोग करेगी।

लर्नर्स लाइसेंस टेस्ट में नवीनतम सीएमवीआर मापदंडो  और अधिसूचनाओं के अनुरूप संशोधित प्रश्न बैंक होगा। प्रश्न नवीनतम सड़क नियमों और वाहन सुरक्षा सुविधाओं के पहलुओं को कवर करते हैं। प्रश्नों में फास्टैग , एच.एस.आर.पी , हैजर्ड परसेप्शन, इलेक्ट्रिक व्हीकल आदि जैसे विषय भी शामिल हैं। मारुति के प्रतिनिधियों ने बताया कि  पूर्व में मारुति सुजुकी द्वारा हरियाणा में ड्राइविंग प्रशिक्षण की पहल

मारुति सुजुकी भारतीय सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने ड्राइविंग कौशल और सड़क सुरक्षा जागरूकता में सुधार के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं।

गुणवत्तापूर्ण ड्राइविंग प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करने के लिए, कंपनी ने 7 ड्राइविंग और यातायात अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआर) स्थापित किए हैं, जिनमें से 2 हरियाणा में स्थित हैं। इसके अलावा, कंपनी ने राज्य भर में 22 सड़क सुरक्षा ज्ञान केंद्र (आरएसकेसी) स्थापित किए हैं। हल्के मोटर वाहनों, भारी मोटर वाहनों, दोपहिया और फोर्कलिफ्ट के चालकों के लिए शिक्षार्थी, पुनश्चर्या और मूल्यांकन पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए आईडीटीआर वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए परीक्षण ट्रैक, ड्राइविंग सिमुलेटर और एक अच्छी तरह से परिभाषित पाठ्यक्रम का उपयोग करते हैं। राज्य में पिछले 10 वर्षों में 2 आईडीटीआर और 22 आरएसकेसी ने मिलकर 18 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है।

हरियाणा ड्राइविंग  मैनुअल एवं सड़क संसार पुस्तक का लोकार्पण

हरियाणा डाइविंग  मैनुअल शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक युवाओं के लिए बेहद उपयोगी है। पुस्तक को सुरक्षित एवं जिम्मेदार ड्राइविंग , डाईविंग लाईसेंस का नवीनीकरण, सड़क के नियम, यातायात संकेत तथा सड़क चिन्ह  जैसे अध्याय के माध्यम से विभक्त किया गया है। यह पुस्तक सड़क सुरक्षा ज्ञान केन्द्र एवं रोड सेफ्टी क्लब के माध्यम से स्कूल/उच्च शिक्षा के सभी विद्यार्थियों के लिए ईबुक्स लोकार्पण होते ही मेल द्वारा उपलब्ध करा दी गयी। पुस्तक के प्रकाशन एवं वितरण का उद््देश्य सड़क पर अनुशासन, दुर्घटनाओं को रोकने, वाहन चलाने हेतु समुचित प्रशिक्षण एवं प्रभावी लाईसेंसिंग प्रणाली को लागू करना है, साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए नाटक से नवजागरण अभियान के तहत परिहवन विभाग के सहयोग से नेशनल स्कूल ऑफ ड्ामा के सानिध्य में पुलिस एवं शिक्षा विभाग के तकनीकी सहयोग से विविध कार्यशालाओं में 10 नाटकों की रचना की गई जिसे ‘‘सड़क संसार’’ शीर्षक से प्रकाशित करके लोकार्पित किया गया, लिखे गये नाटकों का विविध शहरों में सैकड़ों मंचन आयोजित हुए। ज्ञान के मंदिरों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा अभियान का सारथी बनाने के लिए सड़क संसार पुस्तक का प्रकाशन/लोकार्पण दुर्घटना के शिकार परिवारों की पीड़ा को प्रचारित-प्रसारित करने के साथ लोगों को आगाह करना है कि सही दिशा में चलें, सम्भल कर चलें, सुरक्षित चलें। दोनों पुस्तकों का लोकार्णण करते हुए हरियाणा के प्रधान सचित शत्रुजीत कपूर ने कहा कि इन दोनों के माध्यम से ज्ञान के सभी रूप, फिल्म, नाटक एवं कला के सभी माध्यमों को समाज के सभी वर्गो को सड़क सुरक्षा के प्रति संवेदनशील और जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करना है।

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