(रैपको न्यूज़ प्रतिनिधि)
गुरूग्राम। गुडग़ांव चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व प्रधान अरूण जैन ने अंतर्राष्ट्रीय स्थिति, डालर के मुकाबले रूपये के कमजोर होने, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिका में बैंक ब्याज दर में बढ़ौतरी के भारतीय अर्थव्यवस्था पर नाकारात्मक प्रभाव की आशंकाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि इस संबंध में आवश्यकता इस बात की है कि आरबीआई अपनी भावी मौद्रिक नीति में इस संबंध में ठोस व कारगर नीति क्रियान्वित करे।
श्री जैन के अनुसार जिस तेजी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा है वह निश्चित रूप से चिंता का विषय है और इस संबंध में केंद्र सरकार व आरबीआई को ऐसी नीति क्रियान्वित करनी होगी जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
श्री जैन का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष वर्तमान में जो चुनौतियां बनी हुई हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो हालात हैं उनसे ऐसा लगता है कि आने वाले समय में अभी और समस्याएं बढ़ सकती हैं।
श्री जैन ने आरबीआई की भावी मौद्रिक नीति को इस प्रकार तैयार करने की मांग की है जिससे मुद्राप्रवाह व मुद्रास्फीति में परस्पर सामंजस्य बन सके और नाकारात्मक स्थिति से बचा जा सके।
गुरूग्राम। गुडग़ांव चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व प्रधान अरूण जैन ने अंतर्राष्ट्रीय स्थिति, डालर के मुकाबले रूपये के कमजोर होने, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिका में बैंक ब्याज दर में बढ़ौतरी के भारतीय अर्थव्यवस्था पर नाकारात्मक प्रभाव की आशंकाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि इस संबंध में आवश्यकता इस बात की है कि आरबीआई अपनी भावी मौद्रिक नीति में इस संबंध में ठोस व कारगर नीति क्रियान्वित करे।
श्री जैन के अनुसार जिस तेजी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा है वह निश्चित रूप से चिंता का विषय है और इस संबंध में केंद्र सरकार व आरबीआई को ऐसी नीति क्रियान्वित करनी होगी जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
श्री जैन का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष वर्तमान में जो चुनौतियां बनी हुई हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो हालात हैं उनसे ऐसा लगता है कि आने वाले समय में अभी और समस्याएं बढ़ सकती हैं।
श्री जैन ने आरबीआई की भावी मौद्रिक नीति को इस प्रकार तैयार करने की मांग की है जिससे मुद्राप्रवाह व मुद्रास्फीति में परस्पर सामंजस्य बन सके और नाकारात्मक स्थिति से बचा जा सके।
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