Wednesday 20 March 2019

सीआईआई का सुझाव : ८ प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि को घोषणा पत्र में शामिल करें राजनीतिक दल


(रैपको न्यूज प्रतिनिधि)
नई दिल्ली। प्रमुख औद्योगिक संगठन सीआईआई ने अगले पांच साल में 8 प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने को लेकर राजनीतिक दलों के लिए एक चुनावी घोषणा-पत्र का सुझाव प्रस्तुत किया है। संगठन ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि उसके घोषणापत्र में अगली सरकार के लिए आर्थिक रूपरेखा सुझाई गई है। सीआईआई के घोषणापत्र में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी संरचना, विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के अनुसार उद्योग जगत के सदस्यों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के बाद हमने 2022 में भारत के 75 साल होने तक देश को आर्थिक ताकत, तकनीकी टिकाउपन और नैतिक नेतृत्व युक्त बनाने के लिये मुख्य सुझाव तैयार किए हैं। आपका मानना है कि राजनीतिक दल इन सुझावों पर गौर करेंगे और अपने घोषणापत्र में इन्हें शामिल करेंगे।
सीआईआई ने कहा कि उसने सभी प्रमुख क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के साथ अपना घोषणापत्र साझा किया है। उसने कहा कि सीआईआई ने अगले 5 साल के लिए 8 प्रतिशत की औसत सालाना आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य रखा है। सीआईआई ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दरों का दायरा दो से तीन प्रतिशत तक लाने और कॉर्पोरेट इनकम टैक्स को बिना किसी छूट के 18 प्रतिशत करने का सुझाव दिया। सीआईआई ने चुनावी सुधार को लेकर 2024 से लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव साथ कराने का भी सुझाव दिया। इनके अलावा उसने शिक्षा खर्च बढ़ाकर जीडीपी का 6 प्रतिशत करने, व्यावसायिक प्रशिक्षण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। संगठन ने विश्वविद्यालयों को उद्योग जगत से जोडऩे और शोध और विकास कार्यों पर सरकारी खर्च बढ़ाकर जीडीपी का एक प्रतिशत करने का भी सुझाव दिया।
सीआईआई ने कौशल विकास के बारे में पूरे जीवन कौशल बढ़ाने की व्यवस्था और प्रौद्योगिकी पर आधारित नये डिलिवरी मॉडल का भी सुझाव दिया। इनके अलावा संगठन ने स्वास्थ्य पर जीडीपी का तीन प्रतिशत खर्च करने , स्वास्थ्य क्षेत्र को बुनियादी संरचना का दर्जा देने और जच्चा एवं बच्चा की मृत्यु दर को कम करने को शीर्ष प्राथमिकता देने का भी सुझाव दिया। घोषणा पत्र में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी तीन चरणों में घटा कर पहले 51 प्रतिशत, उसके बाद 26 प्रतिशत और अंत में शून्य करने का सुझाव दिया है। इसमें जल के समुचित प्रबंध और जल और वायु प्रदूषण पर को कम करने का भी सुझाव है।
संगठन ने खेल, स्थानीय कलाओं और सांस्कृतिक विविधताओं के संरक्षण और सृजनशील अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की व्यवस्था का भरोसा दिए जाने का भी सुझाव दिया है। 
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