फरीदाबाद 19 जुलाई। सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में श्रावण शिवरात्रि के अवसर पर महादेव का अभिषेक किया गया। इस अवसर पर अधिपति जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि आपदा के समय आधुनिक संसाधन अवसर बन गए हैं। हमें इनका सदुपयोग करना चाहिए।
कोरोना संकट को देखते हुए फरीदाबाद में मंदिरों को खोलने की इजाजत न मिलने के बाद श्री सिद्धदाता आश्रम ने भगवान शिव के अभिषेक का लाइव प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पेज के माध्यमों से किया। जिन्हें हजारों परिवारों ने देखा और साझा किया। अभिषेक पूर्व स्वामीजी ने वैकुंठवासी गुरु महाराज की समाधि पर नमन किया। इसके बाद महादेव का अभिषेक कर समाज में सुख शांति की प्रार्थना की। उन्होंने इस कोरोना काल के जल्द समाप्त होने की प्रार्थना महादेव से की। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने बताया कि जीवमात्र की रक्षा करने के लिए विषपान करने वाले महादेव को नीलकंठ भी कहा गया है। हमें पूरा विश्वास है कि भगवान मानवमात्र पर आए संकट से एक बार पुन: उबारेंगे। गौरतलब है कि दिव्यधाम में परंपरागत तरीके से भगवान शिव के मूर्त रूप के सविधि अभिषेक एवं पूजन की व्यवस्था की जाती रही है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्तगण जुटते रहे हैं।
इस बारे में स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी ने बताया कि हम शासन प्रशासन का पूर्ण सहयोग करते हुए निरंतर अपने भक्तों से मंदिर न आने की अपील कर रहे हैं और हमें इसमें सफलता भी प्राप्त हो रही है। इसके अलावा आश्रम में रहने वाले याचकों एवं सेवादारों को भी पूरी साफ सफाई और फेसमास्क आदि के साथ ही रखा गया है।
इस अवसर पर स्वामीजी के साथ आश्रम के याचक और सेवादार ही हर संभव दूरी और फेस मास्क के साथ पूजन में सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पेज के माध्यमों से दुनिया भर में रहने वाले भक्तों के लिए किया गया।
कोरोना संकट को देखते हुए फरीदाबाद में मंदिरों को खोलने की इजाजत न मिलने के बाद श्री सिद्धदाता आश्रम ने भगवान शिव के अभिषेक का लाइव प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पेज के माध्यमों से किया। जिन्हें हजारों परिवारों ने देखा और साझा किया। अभिषेक पूर्व स्वामीजी ने वैकुंठवासी गुरु महाराज की समाधि पर नमन किया। इसके बाद महादेव का अभिषेक कर समाज में सुख शांति की प्रार्थना की। उन्होंने इस कोरोना काल के जल्द समाप्त होने की प्रार्थना महादेव से की। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने बताया कि जीवमात्र की रक्षा करने के लिए विषपान करने वाले महादेव को नीलकंठ भी कहा गया है। हमें पूरा विश्वास है कि भगवान मानवमात्र पर आए संकट से एक बार पुन: उबारेंगे। गौरतलब है कि दिव्यधाम में परंपरागत तरीके से भगवान शिव के मूर्त रूप के सविधि अभिषेक एवं पूजन की व्यवस्था की जाती रही है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्तगण जुटते रहे हैं।
इस बारे में स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी ने बताया कि हम शासन प्रशासन का पूर्ण सहयोग करते हुए निरंतर अपने भक्तों से मंदिर न आने की अपील कर रहे हैं और हमें इसमें सफलता भी प्राप्त हो रही है। इसके अलावा आश्रम में रहने वाले याचकों एवं सेवादारों को भी पूरी साफ सफाई और फेसमास्क आदि के साथ ही रखा गया है।
इस अवसर पर स्वामीजी के साथ आश्रम के याचक और सेवादार ही हर संभव दूरी और फेस मास्क के साथ पूजन में सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पेज के माध्यमों से दुनिया भर में रहने वाले भक्तों के लिए किया गया।
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