फरीदाबाद पुलिस ने प्रतिबंधित नशा सामग्री के सेवन तथा वितरण के विरूद्ध एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए 152 आरोपियों को गिरफ्तार किया। मतलब पिछले वर्ष से साढ़े चार गुणा से अधिक आरोपियों को पुलिस ने इस वर्ष गिरफ्तार किया।
वहीं पुलिस द्वारा शराब की अवैध डिलीवरी और व्यापार के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत मामले दर्ज कर 631 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यहाँ पुलिस ने बीते वर्ष की तुलना में 7 फीसदी अधिक सफलता पाई है।
पुलिस की ओर से जुआ तथा सट्टेबाजी के विरूद्ध गैम्बलिंग एक्ट में मुकदमा दर्ज करते हुए 501 आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की गई है। वर्ष 2020 में इस अधिनियम के अंतर्गत हुई गिरफ्तारी से, इस वर्ष हुई गिरफ्तारी 44 प्रतिशत अधिक है।
अवैध हथियार रखने के मामले में पुलिस ने आर्म्स एक्ट के अंतर्गत 271 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आर्म्स एक्ट के अंतर्गत पुलिस ने 2020 की तुलना में इस वर्ष लगभग दो गुणा अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
उपर्युक्त आँकड़े इस वर्ष 24 जुलाई तक के हैं। इन आंकड़ों को देखने से यह स्पष्ट है कि इस शहर में नशे का आदी होने अथवा प्रतिबंधित नशा सामग्री की खरीद-बिक्री के कारण सबसे अधिक आरोपियों को जेल जाना पड़ा है। नशे के विरूद्ध 783 गिरफ्तारी में अवैध जुआ और सट्टाखाई में हुई 501 गिरफ्तारी की संख्या को मिला कर देखें तो कुल गिरफ्तारी की संख्या 1284 हो जाती है। इससे स्पष्ट हो जाता कि इस वर्ष पुलिस की सबसे अधिक कार्रवाई सामाजिक बुराई को लेकर हुई है।
गिरफ्तार आरोपियों द्वारा ऐसी सामाजिक बुराई का शौक पालने पर यह बड़े अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है। जैसा कि जघन्य अपराधों में गिरफ्तार हुए कई आरोपियों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि नशे का आदी होने के कारण ही उसने चोरी, लूट, हत्या, दुष्कर्म जैसे अपराधों को अंजाम दिया है।
यह भी एक तथ्य है कि पुलिस ने अवैध हथियार रखने के मामले में जितनी गिरफ्तारी की है। उनमें से अधिकांश आरोपी हवाबाजी करने के लिए हथियार रखने का शौक पाल रहे थे और अन्य राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों से देसी कट्टा खरीद कर फरीदाबाद ला रहे थे।
फरीदाबाद पुलिस सभी प्रकार के अपराधों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है। इसीलिए तत्परता के साथ आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।
0 comments: