Saturday 29 December 2018

सेल : इस्‍पात उत्‍पादन के 60 वर्ष पूरे होने पर समारोह आयोजित


नई दिल्‍ली : राउरकेला इस्‍पात संयंत्र के पहले फर्नेस ने 1959 में कार्य करना आरंभ किया था और तभी उसने भारत के आर्थिक विकास के निर्माण की नींव रख दी थी। स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) आज एक महारत्‍न तथा सबसे बड़ी इस्‍पात उत्‍पादक कंपनी है तथा भारत में सबसे अधिक लौह अयस्‍क खनन कंपनी भी है। इस्‍पात एक नियंत्रण मुक्‍त क्षेत्र है और सेल सालाना 21.4 मिलियन टन इस्‍पात का उत्‍पादन करते हुए खुली अर्थव्‍यवस्‍था में परिचालन करती है तथा भारत की जीडीपी में 1.5 गुना तथा रोजगार सृजन में 6.8 गुना योगदान देती है।
सेल द्वारा इस्‍पात उत्‍पादन के 60 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्‍य में नई दिल्‍ली में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह को केंद्रीय इस्‍पात मंत्री चौधरी बीरेन्‍दर सिंह, इस्‍पात राज्‍य मंत्री विष्‍णु देव साई, इस्‍पात सचिव बिनॉय कुमार एवं सेल के अध्‍यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने संबोधित किया। इस अवसर पर रेल मंत्रालय तथा  केंद्र सरकार के अन्‍य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
चौधरी बीरेन्‍दर सिह ने कहा कि समय बदल रहा है और सेल को निश्चित रूप से नई और तेजी से बढ़ने वाली इस्‍पात कंपनियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। उन्‍होंने सेल के लिए चार मंत्र रेखांकित किया: स्‍पीड (गति), एग्रेशन (आक्रामकता), इनोवेशन (नवोन्‍मेषण) एवं लॉयल्‍टी (निष्‍ठा)। मंत्री ने कहा कि निर्णयों, कदमों एवं परियोजनाओं को अधिक गति दिए जाने एवं विपणन की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तर पूर्व जैसे नए क्षेत्रों और बाजारों की खोज किए जाने की आवश्‍यकता है तथा प्रोद्यौगिकी, विचार एवं कार्यों को नवोन्‍मेषी होना चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा कि यह सारा कुछ तभी होगा जब सेल के साथ जुड़े लोगों में कंपनी और देश के प्रति निष्‍ठा और प्रतिबद्धता होगी।
मंत्री ने सेल को अनुसंधान एवं विकास, प्रोद्यौ‍गिकी विकास एवं उच्‍च श्रेणी, मूल्‍य संवर्धित इस्‍पात के उत्‍पादन में निवेश करने को प्रेरित किया, क्‍योंकि सरकार के लिए यह प्राथमिकता क्षेत्र है और सेल को इन सभी क्षेत्रों में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करनी है।
राष्‍ट्रीय इस्‍पात नीति 2017 ने 2030-31 तक 300 एमटी इस्‍पा‍त क्षमता का महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य निर्धारित किया है और प्रस्‍तावित क्षमता में छठे हिस्‍से के साथ सेल एक प्रमुख योगदाता होगी। तथापि, यह सारा कुछ प्रणालीगत एवं सुनियोजित तरीके से किया जाना चाहिए। प्रत्‍येक संयंत्र एवं इकाई को ‘‘सुरक्षा पहले’’ की नी‍ति का अनुपालन करना होगा। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षा की संस्‍कृति हमारे कामकाज का एक अंतरंग हिस्‍सा होनी चाहिए। चौधरी बीरेन्‍दर सिह ने कहा कि इस्‍पात मंत्रालय वर्ष 2019 से साल का एक दिन सुरक्षा दिवस के रूप में मनाएगा।
इस्‍पात राज्‍यमंत्री विष्‍णु देव साई ने इस अवसर पर कहा कि अपनी अनवरत कड़ी मेहनत के साथ सेल भविष्‍य में भी देश की सही अपेक्षाओं को पूर्ण करने में सफल होगी।
इस्‍पात सचिव बिनॉय कुमार ने कहा कि इस्‍पात क्षेत्र में अग्रणी बने रहने के लिए सेल को अपनी कार्यनीति तथा योजना पर हमेशा पुनर्विचार करना चाहिए।
सेल द्वारा उत्‍पादित इस्‍पात का उपयोग रेल की पटरियों, अर्जुन युद्ध टैंकों के निर्माण के लिए रक्षा श्रेणी इस्‍पात में किया जाता है और चन्‍द्रयान एवं मंगलयान के लिए भारत के अं‍तरिक्ष कार्यक्रम में भी सेल के इस्‍पात का ही उपयोग होता है। 
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