दिल्ली। अपेक्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान कपिल चोपड़ा व उपप्रधान रघुवंश अरोड़ा ने केंद्र सरकार व एमएसएमई मंत्रालय द्वारा एम एस एम ई इकाइयों को विशेष पैकेज उपलब्ध कराने संबंधी संकेतों पर जहां सुखद प्रतिक्रिया व्यक्त की है, वहीं सर्वश्री चोपड़ा और रघुवंश अरोड़ा ने एमएसएमई मंत्रालय से किसी भी ऐसे पैकेज में उद्योगों की वास्तविक आवश्यकता के अनुरूप ही सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है।
श्री चोपड़ा के अनुसार उद्योग बंद होने के बावजूद जिस प्रकार श्रमिकों को वेतन व अन्य खर्चे सहन किए गए हैं, उसे देखते हुए आवश्यकता इस बात की है कि सरकार एमएसएमई सेक्टर को ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराएं, जिनसे इस सेक्टर को कार्य करना सुलभ हो सके।
चेंबर ने कहा है कि पैकेज के रूप में ऋण और अप्रत्यक्ष भुगतान एमएसएमई सेक्टर की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता, यही नहीं वर्तमान समय में जो समस्याएं सामने आई हैं, उससे आर्थिक हालात खराब हो सकते हैं क्योंकि सरकार द्वारा विभिन्न लोन पर ईएमआई व किश्तों को लंबित तो किया गया है, परंतु इसका ब्याज उद्योगों को देना होगा और कई मामलों में ब्याज की अधिकता ईएमआई में काफी अधिक है।
सर्वश्री कपिल चोपड़ा व रघुवंश अरोड़ा ने कैश सब्सिडी, इंसेंटिव और कंनसेशन को आवश्यक करार देते हुए कहा है कि इससे लॉक डाउन के बाद उद्योगों को संभालने में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ वेतन व अन्य भुगतान में भी आर्थिक सहयोग देने का आग्रह किया गया है।
श्री चोपड़ा के अनुसार उद्योग बंद होने के बावजूद जिस प्रकार श्रमिकों को वेतन व अन्य खर्चे सहन किए गए हैं, उसे देखते हुए आवश्यकता इस बात की है कि सरकार एमएसएमई सेक्टर को ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराएं, जिनसे इस सेक्टर को कार्य करना सुलभ हो सके।
चेंबर ने कहा है कि पैकेज के रूप में ऋण और अप्रत्यक्ष भुगतान एमएसएमई सेक्टर की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता, यही नहीं वर्तमान समय में जो समस्याएं सामने आई हैं, उससे आर्थिक हालात खराब हो सकते हैं क्योंकि सरकार द्वारा विभिन्न लोन पर ईएमआई व किश्तों को लंबित तो किया गया है, परंतु इसका ब्याज उद्योगों को देना होगा और कई मामलों में ब्याज की अधिकता ईएमआई में काफी अधिक है।
सर्वश्री कपिल चोपड़ा व रघुवंश अरोड़ा ने कैश सब्सिडी, इंसेंटिव और कंनसेशन को आवश्यक करार देते हुए कहा है कि इससे लॉक डाउन के बाद उद्योगों को संभालने में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ वेतन व अन्य भुगतान में भी आर्थिक सहयोग देने का आग्रह किया गया है।
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