Friday 24 April 2020

हिमाचल से कोलकाता शादी करने पहुंचा परिवार फसा लाक डाउन में, महिला प्रदेश अध्यक्ष के सहयोग की सराहना


गुरुग्राम। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉक डॉन के दौरान जहां आम जनता को परेशानी का सामना तो करना पड़ रहा है, वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो वसुधैव कुटुंबकम् की धारणा को अपनाते हुए सेवा भाव में बिना किसी स्वार्थ के जुड़े हुए हैं।
हिमाचल के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के परोईंया निवासी पवन कुमार के परिवार को मिल रही सहायता को देखकर ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
 पवन कुमार अपने पुत्र की शादी के लिए 1800 किलोमीटर दूर बंगाल कोलकाता गए। बेटे सुनील कुमार की शादी के लिए 17 सदस्यों के साथ पहुंचे पवन कुमार का परिवार खुशी-खुशी शादी से प्रसन्न था, परंतु जब डोली ने विदा लेनी थी तो लाक डाउन की घोषणा हो गई, परिणाम यह रहा कि पूरा परिवार बहू सहित कोलकाता में ही फंस गया। इस संबंध में पवन कुमार को विभिन्न लोगों द्वारा मदद की गई।
पवन कुमार को उम्मीद थी कि लाक डाउन समाप्त होते ही वापस हिमाचल पहुंच जाएंगे, परंतु कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा 3 मई तक लाक डाउन घोषित कर दिया गया। पवन कुमार के नजदीकियों व परिजनों ने इस संबंध में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के महासचिव श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर का ध्यान आकर्षित किया गया।
श्री पराशर ने पवन कुमार व उनके परिजनों की जब सुध ली तो पता चला कि लॉक डाउन खत्म होने की उम्मीद कम दिखाई देने पर मानसिक रूप से समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
 श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल महिला कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सुब्रता दत्ता से संपर्क किया।
श्रीमती दत्ता ने बिना समय गवाएं तुरंत पवन कुमार के परिजनों से संपर्क किया और उन्हें ढांढस बंधाया कि लाक डाउन समाप्त होते ही पवन कुमार और उनकी नवविवाहिता बहू के साथ परिजनों को वापस हिमाचल भेज दिया जाएगा।
इस संबंध में सुब्रता दत्ता ने आगे बढ़कर पवन कुमार के परिजनों को हालात का सामना करने के लिए उनका मनोबल भी बढ़ाया जो कि ऐसे समय में बहुत आवश्यक था, सुश्री दत्ता नियमित रूप से परिवार के संपर्क में हैं और नियमित रूप से राशन इत्यादि भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर ने श्रीमती दत्ता सहित उन सभी लोगों की सराहना की है, जो लाक डाउन के समय फंसे हुए लोगों की सहायता में जुटे हुए हैं।
 श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर के अनुसार पवन कुमार व उनका परिवार मात्र एक उदाहरण है जो सिद्ध करता है कि राष्ट्र में सेवा की संस्कृति अभी भी जीवित है। श्री पराशर ने विश्वास व्यक्त किया है कि देशवासी एकजुटता व सेवा की भावना के साथ कोरोना वायरस पर विजय पाने में सफल रहेंगे।
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