Thursday 7 May 2020

ऑफिसों की तर्ज पर स्कूलों में भी स्टाफ को आने की अनुमति प्रदान की जाए : एचपीएससी


फरीदाबाद। कोरोना वायरस के कारण चल रहे लोक डाउन के दौरान हरियाणा में सरकार द्वारा शराब के ठेके खोलने के फैसले पर एचपीएससी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संगठन के प्रवक्ता नरेंद्र परमार ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों में फीस काउंटर को खोलने की मांग कर रहे है जिस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं की ग‌ई जबकि सरकार ने अपने राजस्व के लिए शराब के ठेके खोलने की अनुमति दे दी है, जो कि काफी दुखद है, यही नहीं शराब ठेकों के बाहर लगी लाइनों के कारण संक्रमण बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही हैं क्योंकि इन लाइनों में साेशल डिस्टेसिंग की पालन नहीं हो रही।
कॉन्फ्रेंस के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते अगर शराब के ठेके खुल सकते हैं तो निजी स्कूलों में फीस काउंटर एवम् क्लेरिकल स्टाफ को आने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती, जबकि स्कूलों का स्टाफ सुशिक्षित है और वह समझता है कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की पालना करना कितना जरूरी है तथा सोशल डिस्टेंस सहित स्वच्छता जैसे पहलुओं पर ध्यान देने के लिए जागरूक है।
श्री सुरेश चंद्र ने कहा है कि नया सत्र शुरु हो गया है, स्टाफ को ऑनलाईन सम्बंधित बहुत से काम करने होते हैं जिससे कि छात्रों एवम् अभिभावकों को कोई परेशानी नहीं हो। लॉकडाउन के चलते स्कूल मार्च से ही बन्द हो गए थे, जिस कारण स्कूलों में फीस जमा नहीं हो पा रही है, मात्र  5% अभिभावकों ने ऑनलाईन  मासिक फीस जमा की है, जिस कारण निजी स्कूलों के सामने अप्रैल महीने का वेतन देने का संकट खड़ा हो गया है।
हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस की अध्यक्ष ने जिला प्रशासन एवम् प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों को कुछ स्टाफ सदस्यों को बुलाने की अनुमति प्रदान करने की मांग की हैं। कहां गया है कि गृह मंत्रायल द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार सभी निजी व सरकारी दफ्तरों को साेशल डिस्टेंस के नियमों की पालना करने की शर्तों के साथ 30% स्टाफ को बुलाने की अनुमति दी गई है ऐसे में निजी स्कूलों को भी इन प्रतिष्ठानों में शामिल किया जाना चाहिए।
कहा गया है कि निजी स्कूलों में बच्चे तो अभी नहीं आ रहे हैं ऐसे में ऑफिस स्टाफ को एक निर्धारित संख्या में स्कूल आने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
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