Thursday 14 May 2020

उद्योग हित के साथ-साथ लॉक डाउन के दौरान जनसेवा में जुटी जीआईए, प्रधान की सर्वत्र सराहना


गुरुग्राम। व्यक्ति में समाज के प्रति कुछ कर गुजरने की भावना हो तो रुकावटें या व्यवधान उसके रास्ते में नहीं आती, ऐसे में कर्म के सिद्धांत को मानते हुए जो व्यक्ति निरंतर सेवा की भावना को जारी रखता है वह वास्तव में उन लोगों के लिए एक उदाहरण है जो बाहनों की ओढ़नी ओढ़कर अपने कर्तव्य की इतिश्री से मुंह चुरा लेते हैं।
क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक संगठन गुडगांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान श्री जे एन मंगला भी ऐसे लोगों में से एक हैं, जिन्हें आयु या सीमित साधन सेवा करने से रोक नहीं पाए।
लॉक डाउन के आरंभ होते ही श्री मंगला ने औद्योगिक संस्थानों के शीर्ष प्रतिनिधित्व से  संपर्क किया और उन जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए लंगर वितरण का प्रस्ताव रखा, जो लाक डाउन के कारण भोजन सामग्री से भी वंचित थे।
 श्री मंगला के इस सुझाव पर औद्योगिक संस्थानों के प्रबंधक एकजुट दिखाई दिए और जीआइए में नियमित रूप से भोजन वितरण कार्यक्रम आरंभ किया गया।
 74 वर्ष की आयु में भी श्री मंगला ना केवल इस कार्य में स्वयं सक्रिय देखे गए बल्कि दूसरों को भी प्रोत्साहित किया गया।
 श्री मंगला ने लाक डाउन के दौरान औद्योगिक समस्याओं को उठाने से भी किनारा नहीं किया, बल्कि नियमित रूप से अधिकारियों व सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ताएं आरंभ रखी।
 उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी प्रतिनिधिमंडल के रूप में बिजली, एक्साइज, एचएसआईडीसी सहित विभिन्न विभागों में श्री मंगला एसोसिएशन  के सदस्यों के साथ मिलकर उद्योगों से संबंधित मांग व सुझाव रखते रहे हैं।
लॉक डाउन के दौरान भी श्री मंगला ने जिस प्रकार सेवा भाव से कार्य किया, उसकी सराहना जीआइए से जुड़े लोग ही नहीं क्षेत्र में कार्यरत सभी वर्ग कर रहे हैं।
 अब जबकि लोग डाउन के दौरान कई रियायतें दी गई हैं और उद्योगों में पुनः कार्य आरंभ होने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में भी जी आइए ने उद्योगों के समक्ष आ रही समस्याओं से सरकार व प्रशासन को अवगत कराने की अपनी प्रक्रिया जारी रखी हुई है। उद्योगों का पक्ष रखने के साथ-साथ कोरोनावायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए जागरूकता लाने में जीआइए जिस प्रकार तत्परता से कार्य कर रही हैं, उस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए क्षेत्र के एक उद्योग प्रबंधक का कहना है कि सेवा भाव जीआइए का प्रथम उद्देश्य रहा है और जीआईए के सदस्यों को इस बात पर गर्व है कि एसोसिएशन की प्रधान परंपरा ऐसी रही है जिसने नियमित रूप से इन विशेषताओं को बनाए रखा।
 दूसरी ओर स्वयं श्री मंगला का इस संबंध में कहना है कि जीआइए द्वारा वर्तमान में जो कार्य जारी हैं उसका वास्तविक श्रेय एसोसिएशन की कार्यकारिणी की टीम भावना व सदस्यों के विश्वास को जाता है। श्री मंगला ने विश्वास व्यक्त किया है कि सदस्यों के सहयोग से सेवा व समर्पण की यह प्रक्रिया जारी रहेगी और इससे आने वाले समय में सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
 आपने इस संबंध में उन सभी लोगों व औद्योगिक संस्थानों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया है जो मानव हित व समाज सेवा के इन कार्यों में अग्रणी रहे हैं व अपना सहयोग देते रहे हैं।
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