फरीदाबाद 23 अगस्त (Repco News)। गुलामी के शिकार और ट्रांस एटलांटिक स्लेव ट्रेड का अंतर्राष्ट्रीय स्मरण दिवस 23 अगस्त को हर वर्ष मनाया जाता है। आज 23 अगस्त को राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड अधिकारी, जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर एवम् प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने ऑनलाइन कार्यक्रम का संयोजन करते हुए कहा कि यह दिन उन लोगों को सम्मान देने और याद करने का अवसर प्रदान करता है जो क्रूर गुलामी प्रणाली के हाथों पीड़ित रहे और मार दिए गए। इस अंतरराष्ट्रीय दिवस को मनाने और स्मरण करने का उद्देश्य दुनिया में नस्लवाद और पूर्वाग्रह के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। गुलामी के शिकार और ट्रांस एटलांटिक स्लेव ट्रेड के अंतर्राष्ट्रीय स्मरण दिवस के रूप में नामित किए गए प्रस्ताव के अनुसार महासचिव, यूनेस्को के सहयोग से, शैक्षिक संस्थानों, नागरिक समाज और अन्य संगठनों को भावी पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए एक शैक्षिक आउटरीच कार्यक्रम स्थापित किया जाना चाहिए, जो ट्रांस एटलांटिक दास व्यापार के कारणों, परिणामों और पाठों के बारे में शिक्षित कर पाए तथा इसका मुख्य उद्देश्य नस्लवाद और पूर्वाग्रह के खतरों का संचार करना है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि इस दिवस का एक और उद्देश्य हैती क्रांति के दौरान 22 एवं 23 अगस्त 1791 को जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देना है। अफ्रीका से लाये गये महिला एवं पुरुषों को दास बनाकर बेचा जाता था। हैती के लोगों ने इस प्रथा के विरूद्ध जन आंदोलन करते हुए 1804 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी, इस क्रांति से संपूर्ण अमेरिका में दास प्रथा को बदलने की प्रक्रिया आरंभ हो गयी थी। मनचंदा ने कहा कि बंधुआ मजदूरी भी दास प्रथा की तरह ही है। सभ्य समाज में दास प्रथा अथवा बंधुआ मजदूरी जैसी कोई भी प्रणाली स्वीकार्य नहीं की जा सकती है आज जबकि शिक्षा का प्रसार बढ़ रहा है और हम सौ प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को लेकर निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है। उच्च शैक्षणिक स्तर प्राप्त करके हम इन सामाजिक और आर्थिक कुरीतियों पर अंकुश लगा सकते हैं। आज विद्यालय की बालिकाओं ने पोस्टर बना कर ऐसी बुराइयों को जड़ से समाप्त करने का इरादा व्यक्त किए। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा,
प्राध्यापिका जसनीत कौर तथा आशा वर्मा ने कनिका भाटिया को ऑनलाइन प्रथम, शिवानी को द्वितीय, अंजू तथा तारा को तृतीय एवम् काजल, सिमरन, रोशनी तथा संध्या को भी सांत्वना सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
 
 

 
 
 
 
 
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