Thursday 21 January 2021

फरीदाबाद में श्रद्धा व उत्साहपूर्वक मनाया गया गुरु गोबिंद सिंह प्रकाश पर्व, कीर्तन व लंगर का आयोजन



फरीदाबाद, 21 जनवरी (Repco News)। दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश पर्व पर भले ही कोविड-19 मानको के कारण नगर कीर्तन का आयोजन ना किया गया हो, परंतु विभिन्न गुरुद्वारा साहिब में गुरुपर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


गुरुद्वारा सेक्टर 7 व सेक्टर 9  सहित एन एच 5 गुरुद्वारा गुरु श्री सिंह सभा और एन‌एच एक गुरुद्वारा गुरु श्री सिंह सभा में गुरुपर्व उल्लास पूर्वक मनाया गया और लंगर प्रसादे के साथ समस्त मानव जाति के कल्याण व किसानों की चड़दीकला की अरदास की गई।

एन एच 5 में आयोजित कीर्तन दरबार में संगत ने कोविड-19 के मानकों को ध्यान में रखते हुए कीर्तन का आनंद लिया। 


इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरबंस सिंह सेठी, अमरजीत सिंह आहूजा, हरिन्दर सिंह माटा, सुरजीत सिंह, फकीर सिंह व मनप्रीत सिंह सहित सरब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव रविंदर सिंह राणा, नगर निगम पार्षद सरदार जसवंत सिंह, पी पी सिंह, एडवोकेट नरेंद्र सिंह, रणजीत सिंह, गुरदेव सिंह, परमजीत सिंह, हरभजन सिंह, वरिंदर सिंह गोलू, डीपी सिंह, प्रवीण कुमार बॉबी, अजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, जसप्रीत सिंह, जसमीत सिंह, दीपू, राजा, गोल्डी, कवलजीत सिंह सहित बड़ी संख्या में संगत की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

एन एच एक गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार मंजीत सिंह सहित मास्टर अवतार सिंह, हरीश गुलाटी, राजेंद्र सिंह, बलजीत सिंह, चरणजीत सिंह काले, जगपाल सिंह पिंटू, तेजवन्त सिंह बिट्टू, हरजीत सिंह, राजू आप्टीकल, पाला सिंह सहित बड़ी संख्या में संगत ने कीर्तन सुना और लंगर छका।

इस अवसर पर अपने संबोधन में सरब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव रविंदर सिंह राणा ने कहा कि गुरु साहब ने जो शहादत दी वह वास्तव में मानवता व देश को समर्पित थी। आपने कहा कि आज गुरुपर्व के अवसर पर हमें दशम पातशाही की शिक्षाओं के अनुरूप जोर जुल्म के विरुद्ध आवाज उठाने का संकल्प लेना होगा और इसके साथ-साथ सेवा व समर्पण की भावना को अंगीकार करना होगा। आपने कहा कि गुरु साहिब की कृपा सिक्खों पर है और वे भाई कन्हैया की तरह आज भी सेवा कर रहे हैं, जिन्होंने किसानों पर पानी की बौछार की और लाठियां बरसाई उन्हें भी लंगर छकाया।

कार्यक्रम में मास्टर अवतार सिंह ने जहां सिख इतिहास से संबंधित व्यापक जानकारी दी वहीं सरदार मंजीत सिंह ने आई हुई संगत का आभार व्यक्त किया।

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