इस मौके पर उनके साथ मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया, रिटायर एसीपी दर्शन लाल मलिक,ओल्ड फरीदाबाद मार्केट के प्रधान नीरज मिगलानी, फकीरचंद कथूरिया, रोहित भाटिया, संजय, वेद भाटिया तथा ललित भी मौजूद थे। मंदिर के प्रधान श्री भाटिया ने आए हुए अतिथि और श्रद्धालुओं को भव्य स्वागत किया। इन सभी को प्रसाद और माता की चुनरी भेंट की गई।
इस अवसर पर प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि मां ब्रहमचारिणी का दूसरा नाम अपर्णा है। मां को चीनी से बने मीठे पदार्थ का भोग लगाया जाता है। मां को संतरी रंग बहुत प्रिय है। मां ब्रहमचारिणी की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मुरादें जरूर पूरी होती हैं। श्री भाटिया ने बताया कि मां ब्रहमचारिणी ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की है। माता ने इस रूप में फल-फूल के आहार से 1000 साल व्यतीत किए, और धरती पर सोते समय पत्तेदार सब्जियों के आहार में अगले 100 साल और बिताए। जब माँ ने भगवान शिव की उपासना की तब उन्होने 3000 वर्षों तक केवल बिल्व के पत्तों का आहार किया। अपनी तपस्या को और कठिन करते हुए, माँ ने बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिया और बिना किसी भोजन और जल के अपनी तपस्या जारी रखी, माता के इस रूप को अपर्णा के नाम से जाना गया।
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