उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित फाउंडेशन के सभी सदस्यों ओर पुलिस कर्मियों को संबोधित किया और पुलिस शहीद फाउंडेशन के कार्यो की प्रसंशा करते हुए कहा कि आज के समय पुलिस शहीद फाउंडेशन ना केवल पुलिस वेलफेयर का काम कर रही है बल्कि इस महामारी के समय समाज के लिए भी बखुबी से अपने कर्तव्य को निभा रही है।
डीसीपी सहारन ने कहा कि आज के परिवेश में गुरुग्राम पुलिस हर चुनोतियों से निबटने में सक्षम है। पुलिस कमिशनरी लागू होने के पश्चात गुरुग्राम के सभी अधिकारियों व कर्मियों ने बहुत ही स्मार्ट तरीके से कम्युनिटी पोलिसिंग के मूल मंत्र को निभाया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ साथ जहा पुलिस को अधिक शक्तियां मिलीं वहीं उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ी।
डीसीपी सहारन ने कहा कि पहले जिला में एक ही एस पी स्तर का अधिकारी होता था । उस समय गुरुग्राम की जनसंख्या भी अनुपात में काफी कम थी । लेकिन जब पुलिस कमिशनरी व्यवस्था लागू हुई उस समय के ढांचागत विकास और जनसंख्या को देखते हुए सरकार ने गुरुग्राम में कमिशनरी लागू करके जिले के विकास को रफ्तार दी।
उनका कहना है कि गुरुग्राम को साइबर सिटी ओर मिलेनियम सिटी का नाम मिला। उन्होंने कहा कि एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित हुए इस जिला की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली गुरुग्राम पुलिस में आईजी, एडीजीपी स्तर के अधिकारी को पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। इनके अतिरिक्त अब यहां 7 डीसीपी ओर लगभग 15 एसीपी स्तर के अधिकारी तैनात है। उनका मानना है कि कमिशनरी लागू होने से ट्रैफिक विंग, साइबर क्राइम व अन्य कई विंग अलग गठित करने से जहां आमजन को सुविधा हुई है वहीं कानून व्यवस्था भी दुरुस्त हुई है। अपराधों के अनुसंधान में तेजी आई है, पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिलने लगा है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस शहीद फाउंडेशन हरियाणा के अध्यक्ष एडवोकेट आर एल शर्मा ने कहा कि आज के परिवेश में पुलिस की जिम्मेवारी बढ़ गई है। आमजन के विश्वास को जीतना पुलिस के लिए चुनौती पूर्ण कार्य है। श्री शर्मा ने कहा कि आज की इस महामारी के दौरान पुलिस ने जो एक कोरोना योद्धा वाली भूमिका निभाई वह वाकई सराहनीय व सर्वोत्तम है। श्री शर्मा ने कहा कि इस महामारी के दौरान पुलिस ने फ्रंट मोर्चे पर रहकर जो अपने कर्तव्य को अंजाम दिया वो आमजन के लिए अनुकरणीय रहा और पुलिस का एक मानवीय चेहरा सामने आया।
उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए आज समाज के कई संगठन, पुलिस की सहायता और सम्मान के लिए आगे आए है। इसी कड़ी में आज पुलिस कमिशनरी दिवस के उपलक्ष्य में आज फाउंडेशन ने गुरुग्राम के पुलिस लाइन में रहने वाले लगभग 750 पुलिस कर्मियों के परिवारों को इम्युनिटी से भरपूर नेस्ले कंपनी का पोहा ओर उपमा वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फाउंडेशन के महासचिव दीपक मैनी ने बताया कि वर्ष 2007 में 8 जून को गुरुग्राम पुलिस में कमिशनरी लागू हुई थी। इससे गुरुग्राम पुलिस को न्यायिक व वितीय शक्तियां भी मिली थी। उन्होंने बताया कि पुलिस शहीद फाउंडेशन वर्ष 2004 से पुलिस वेलफेयर के कार्यो में कार्यरत है। उन्होंने मुख्य अतिथि डीसीपी दीपक सहारन को आश्वासन दिया कि पूर्व की भांति ही फाउंडेशन समय समय पर पुलिस के साथ सहयोग और समन्वय जारी रखेगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में समाजसेवी व उद्योगपति राजीव पराशर, फाउंडेशन के महासचिव दीपक मैनी, हरियाणा पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर, राष्ट्रपति पुलिस मैडल अवार्डी व फाउंडेशन के कोषाध्यक्ष चंदर प्रकाश भारद्वाज, फाउंडेशन की महिला जिला अधयक्ष पूर्व मिसेज हरियाणा ऋतु कटारिया, फाउंडेशन के वरिष्ठ सदस्य व जिला ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप मोदी, आरडब्लूए पुलिस लाइन के अध्यक्ष इंस्पेक्टर श्याम सुंदर गौड़, उधोगपति डॉ एस पी अग्रवाल,के साथ साथ पुलिस लाइन आरडब्लूए से महिला पुलिस पदाधिकारी, पूनम नैन, विधा देवी, सतीश कुमार व काफी संख्या में पुलिस परिवारों की महिलाएं उपस्थित रही।
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