फरीदाबाद, 11 जनवरी। डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय, फरीदाबाद में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार का विषय - "विश्व में हिंदी का वर्तमान और भविष्य" रहा । वेबीनार में मुख्य वक्ता के तौर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष और कला विभाग के अधिष्ठाता प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी शामिल हुए । 32 वर्षों से अधिक समय तक अध्यापन कार्य से जुड़े प्रोफेसर लोहनी जी को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा शंघाई अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय, चीन में आईसीसीआर चेयर और लौजान विश्वविद्यालय, स्विट्जरलैंड में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अपने व्यापक और समृद्ध अनुभव से उन्होंने विश्व में हिंदी की वर्तमान स्थिति और उसके भविष्य पर बहुत ही सारगर्भित और तथ्यात्मक व्याख्यान दिया।
लोहानी जी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि विदेशों में लोग हिंदी पढ़ना और हिंदी की विरासत को जानना चाहते हैं। इसके माध्यम से व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने वर्तमान में हिंदी को शिक्षण माध्यम की भाषा बनाने और अतिशीघ्र रोजगार से जोड़े जाने की वकालत की। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंचार के विभिन्न माध्यमों द्वारा इस दिशा में सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।
वेबीनार का संचालन करते हुए सहायक प्रोफेसर सोनिया शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सविता भगत ने इस अवसर पर प्रोफेसर लोहनी जी का स्वागत करते हुए कहा कि भाषा भावों और विचारों की संवाहक ही नहीं, यह हमारी संस्कृति का आईना भी है। केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग गीता, रामायण जैसे साहित्य पढ़ने के लिए हिंदी भाषा सीखते हैं। हमें अन्य भाषाओं के साथ-साथ अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए।
इस राष्ट्रीय वेबीनार में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से शिक्षकवृंदों ने ऑनलाइन जुड़कर इसे सफल बनाया। भविष्य के कर्णधार विद्यार्थियों ने भी वेबीनार में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की। सहायक प्रोफेसर ममता ने सभी उपस्थित जनों का धन्यवाद ज्ञापन किया। सहायक प्रोफेसर स्वेता वर्मा के प्रयास से यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपादित हुआ।
0 comments: