महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सविता भगत ने कहा कि सूर्य नमस्कार एक योग प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप न केवल अपने शरीर को स्वस्थ व् स्फूर्ति से परिपूर्ण रख सकते हैं बल्कि इसके निरंतर अभ्यास से आत्मिक शुद्धता को भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। जैसे सूर्य उदय होते ही संसार का समस्त अँधेरा समाप्त हो जाता है वैसे ही सूर्य नमस्कार करने से मानसिक चेतना में व्याप्त सभी नकारात्मक विचारों व् भ्रांतियों की समाप्ति हो जाती है। एक व्यक्ति को नियमित रूप से सूर्य नमस्कार अवश्य करना चाहिए।
नोडल अफसर के रूप में महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र दुग्गल ने बताया कि डी.जी.एच.इ., हरियाणा के अनुसार 14 जनवरी से 12 फरवरी तक रोजाना तेरह बार सूर्य नमस्कार किया जा रहा है | इसके लिए महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी 75suryanamaskar.com पर करवाया गया है | कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सिर्फ 11 छात्र ही महाविद्यालय योगशाला में सूर्य नमस्कार कर रहे हैं जबकि अन्य छात्र-छात्रायें ऑनलाइन माध्यम से अपना योगदान दे रहे हैं |इस अवसर पर योगाचार्य उमेश कुमार, मनोज गोयल, वीरेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार, सोमनाथ भी उपस्थित रहे |
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