चंडीगढ़ 12 अक्टूबर (रैपको न्यूज)। केन्द्र सरकार ने देश में ईवी (इलैक्ट्रिकल व्हीकल्स) को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयासो को तीव्र गति प्रदान करते हुए बैटरी स्वैपिंग व चार्जिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए सोनीपत में भारत का पहला कमर्शियल इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन लॉन्च किया है। सरकार व कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा के लिए हर शहर व प्रमुख मार्गों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर रही है। अभी तक देश में इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन की कमी थी जिसे अब पूरा किया जा रहा है।
सोनीपत जिले के गन्नौर में खुला यह सैंटर कमर्शियल इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन के रूप में कार्य करेगा।
सैंटर का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमार स्वामी ने किया। यह स्टेशन एनर्जी इन मोशन कंपनी द्वारा दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल (DICT) में तैयार किया गया है।
सैन्टर की विशेषता यह है कि इसमें बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन बिल्कुल पेट्रोल पंप की तर्ज पर बनाया गया है। यहां इलेक्ट्रिक ट्रकों की बैटरी केवल 5–7 मिनट में बदली जा सकती है, जबकि पारंपरिक चार्जिंग में 2 घंटे तक का समय लगता है। इन स्टेशनों से ट्रक ड्राइवर अपनी बैटरी तुरंत बदलकर आगे की यात्रा जारी रख सकेंगे। इससे लॉजिस्टिक्स सेक्टर में दक्षता और परिचालन गति में भारी सुधार होगा।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इस तकनीक से प्रदूषण घटेगा और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि भारत हर साल करीब 25 लाख करोड़ रुपये ईंधन आयात पर खर्च करता है। यदि देश वैकल्पिक ऊर्जा की ओर बढ़ेगा तो यह राशि भारत के विकास कार्यों में उपयोग होगी।
आपने कहा कि अब वह दिन अब दूर नहीं जब भारत डीजल से मुक्त होगा। ईवी, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे प्रोजेक्ट्स तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पराली से सड़क बनाने की तकनीक सफल रही है। नागपुर-जबलपुर हाईवे पर बनाई गई सड़क सामान्य सड़कों से अधिक मजबूत साबित हुई। अब पंजाब और हरियाणा में पराली से सड़कें बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
लॉजिस्टिक कॉस्ट घटाने पर फोकस
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक लॉजिस्टिक कॉस्ट को सिंगल डिजिट (9% से कम) पर लाना है। इसके लिए सड़क, रेल और जलमार्ग को जोड़कर मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। इससे न केवल उद्योगों को लाभ होगा, बल्कि किसानों के उत्पादों के परिवहन में भी लागत घटेगी।
उन्होंने ट्रांसपोर्टरों से डीजल-पेट्रोल छोड़कर इलेक्ट्रिक और बायोफ्यूल अपनाने की अपील की। गडकरी ने कहा कि भारत तेजी से वैकल्पिक ईंधन की ओर बढ़ रहा है और आने वाला समय डीजल-मुक्त परिवहन का होगा। उन्होंने यह भी बताया कि किसान अब सिर्फ 'अन्नदाता' ही नहीं, बल्कि 'ऊर्जा दाता' भी बनेंगे, क्योंकि पराली, मक्का, गन्ना और कचरे से ईंधन तैयार होगा। आपने कहा कि वे जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के नागपुर और मध्यप्रदेश के जबलपुर में पराली से सड़कें बनाई जा रही हैं। देश में 50 लाख टन पराली से बायोफ्यूल बनाने का काम चल रहा है। मंत्री ने दावा किया कि वे खुद बायो-एथेनॉल से चलने वाले वाहन से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जिससे प्रदूषण कम होता है और किसानों की आय भी बढ़ती है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पिछले कुछ सालों में बैटरियों की कीमत में 50-60 फीसदी की कमी आई है। इससे देश की लॉजिस्टिक लागत पहले के मुकाबले 6 फीसदी कम हो गई है और ट्रांसपोर्ट रेट अब सिंगल डिजिट में आ गया है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
गडकरी ने कहा कि आने वाला समय डीजल-मुक्त परिवहन का होगा। उन्होंने किसानों को 'ऊर्जा दाता' बनने की प्रेरणा दी। पराली, मक्का, गन्ना और कचरे जैसी चीजों से अब ईंधन बनाया जाएगा। यह न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि किसानों की आय का एक नया जरिया भी बनेगा।
उन्होंने बताया कि बैटरियों की कीमत में काफी गिरावट आई है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदना और चलाना सस्ता हो गया है। लॉजिस्टिक लागत में कमी आने से सामान ढोने का खर्च भी कम हुआ है। यह सब मिलकर भारत को परिवहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
इस अवसर पर कुमारस्वामी ने कहा कि यह परियोजना भारत को स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन प्रणाली की दिशा में आगे ले जाएगी। स्वैपेबल बैटरी तकनीक से ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और ग्रीन एनर्जी मिशन 2047 को बल मिलेगा।
पीएम ई-ड्राइव योजना विकसित भारत की दिशा में बड़ा कदम
कुमारस्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने “पीएम ई-ड्राइव योजना”शुरू की है, जिसका लक्ष्य सभी श्रेणियों में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। उन्होंने कहा, “2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है और यह ई-ट्रक तकनीक उस दिशा में एक मील का पत्थर है।”
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