Tuesday 18 December 2018

हरियाणा को नशामुक्त राज्य बनाने के अनुरूप विशेष एंटी-ड्रग अभियान


चंडीगढ़/हरियाणा को नशामुक्त राज्य बनाने की सरकार की वचनबद्धता के अनुरूप, हरियाणा पुलिस द्वारा नवंबर 2018 में चलाए गए एक विशेष एंटी-ड्रग अभियान के दौरान एनडीपीएस अधिनियम के तहत 235 मामले दर्ज कर 286 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
  हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री बी0 एस0 संधू ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस अवधि के दौरान गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 282 किलो 678 ग्राम पोपी हस्क, 73 किलो 499 ग्राम चरस, 748 ग्राम हेरोइन, 120 किलो 66 ग्राम गांजा, 36 किलो 832 ग्राम सुल्फा, 7 किलो 735 ग्राम स्मैक, 3 किलो 145 ग्राम अफीम व 94,178 नशीली प्रतिबंधित गोलियां, सिरप, कैप्सूल और इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ 1 नवंबर से 30 नवंबर तक चलाए गए इस विशेष अभियान के तहत भारी मात्रा में मादक पदार्थ को जब्त कर ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की गई है।
  श्री संधू ने सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने संबंधित क्षेत्रों में नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर नशे के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करना सुनिश्चित करें। उन्होंने आमजन से भी आग्रह करते हुए कहा कि राज्य में नशे व मादक पदार्थ की बिक्री व खपत से संबधित जानकारी निडर होकर पुलिस से सांझा करे ताकि नशे का खात्मा कर पूर्णत: नशामुक्त व अपराधमुक्त समाज की स्थापना की जा सके।
  जब्त किए गए मादक पदार्थों बारे विस्तृत जानकारी देते हुए, पुलिस विभाग के महानिदेशक, अपराध श्री पी.के अग्रवाल ने कहा कि इसी अवधि के दौरान जिला फतेहाबाद में एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिकतम 33 मामले दर्ज कर 51 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार, झज्जर में 22 मामले, सोनीपत में 21, करनाल में 20, सिरसा में 19, कुरुक्षेत्र में 16 और रोहतक में 14 मामले दर्ज कर अफीम, हेरोइन, पोपी हस्क, स्मैक सहित भारी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किया गया है। विशेष अभियान के दौरान दैनिक आधार पर सभी जिलों में नियमित छापे मार कर कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि ड्रग पेडलर के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने के अलावा, पुलिस द्वारा नशे की लत के दुष्प्रभावों बारे भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है।
  उन्होंने आमजन से आग्रह किया कि वे मादक पदार्थो से जुड़ी जानकारी पुलिस के साथ सांझा करें। ऐसे लोगों की पहचान गुप्त रख कर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
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