नई दिल्ली। सियासी अखाड़े में नये.नये प्रयोगों के लिए मशहूर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा में भी एक अलग तरह का प्रयोग करने जा रहे हैं। इसके तहत आम आदमी पार्टी हर गांव हर मोहल्ले हर घर तक जाएगी।
इस डोर.टू.डोर कैंपेन के लिए हर लोकसभा के हिसाब से पदाधिकारियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है। दिल्ली में 5 जनवरी 2019 को सोनीपत अम्बाला और फरीदाबाद लोकसभाओं से आए वरिष्ठ पदाधिकारियों की ट्रेनिंग करवाई गई। अरविंद केजरीवाल खुद प्रशिक्षण दे रहे हैं।
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रही है। हम सत्ता नहीं व्यवस्था बदलने के लिए लड़ रहे हैं। हम ऐसी व्यवस्था लाना चाहते हैं जिसमें सबके लिए शानदार स्कूल.अस्पताल हों। किसानों खुशहाल हों। युवाओं को रोजगार मिले। महिलाओं को सुरक्षा मिले। आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों ने ऐसी ही व्यवस्था का सपना देखा था। उनका ये सपना हमें पूरा करना है। केजरीवाल ने कहा कि पार्टी की इस मूल भावना को हरियाणा में घर.घर तक पहुंचाना है। इस डोर.टू.डोर कैंपेन में हर पदाधिकारी को हिस्सा लेना है चाहे वह राज्य स्तर का हो जिला स्तर का हो लोकसभा स्तर का हो या फिर विधानसभा स्तर का हो। सभी पदाधिकारियों को शुरुआत में एक गांव का चयन करना है। वहां कम से कम 10 लोगों की टीम बनानी है और उनसे डोर.टू.डोर करवाना है।
इस डोर.टू.डोर कैंपेन के लिए हर लोकसभा के हिसाब से पदाधिकारियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है। दिल्ली में 5 जनवरी 2019 को सोनीपत अम्बाला और फरीदाबाद लोकसभाओं से आए वरिष्ठ पदाधिकारियों की ट्रेनिंग करवाई गई। अरविंद केजरीवाल खुद प्रशिक्षण दे रहे हैं।
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रही है। हम सत्ता नहीं व्यवस्था बदलने के लिए लड़ रहे हैं। हम ऐसी व्यवस्था लाना चाहते हैं जिसमें सबके लिए शानदार स्कूल.अस्पताल हों। किसानों खुशहाल हों। युवाओं को रोजगार मिले। महिलाओं को सुरक्षा मिले। आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों ने ऐसी ही व्यवस्था का सपना देखा था। उनका ये सपना हमें पूरा करना है। केजरीवाल ने कहा कि पार्टी की इस मूल भावना को हरियाणा में घर.घर तक पहुंचाना है। इस डोर.टू.डोर कैंपेन में हर पदाधिकारी को हिस्सा लेना है चाहे वह राज्य स्तर का हो जिला स्तर का हो लोकसभा स्तर का हो या फिर विधानसभा स्तर का हो। सभी पदाधिकारियों को शुरुआत में एक गांव का चयन करना है। वहां कम से कम 10 लोगों की टीम बनानी है और उनसे डोर.टू.डोर करवाना है।
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