Saturday, 18 October 2025

एसोचैम का वार्षिक सम्मलेन : सरकार घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने हेतु तत्पर -पियूष गोयल



दिल्ली 17 अक्तूबर (रैपको न्यूज)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने जोर देते हुए बताया कि हाल के वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण बदलाव आया है और अब वह मजबूत स्थिति में बातचीत कर रहा है, जो मुक्त व्यापार समझौतों और अन्य व्यापारिक व्यवस्थाओं के प्रति भारत के दृष्टिकोण के संदर्भ में देश के बढ़ते आर्थिक आत्मविश्वास और वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाता है। श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में एसोचैम के वार्षिक सम्मेलन और 105वीं वार्षिक आम बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश अब मुख्य रूप से उन देशों के साथ जुड़ रहा है जो भारत के प्रतिस्पर्धी नहीं हैं और यह सुनिश्चित कर रहा है कि व्यापारिक साझेदारियां संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी हों।

उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक दृष्टिकोण भारत को अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करने, निर्यात को बढ़ावा देने और निवेश एवं प्रौद्योगिकी आधारित सहयोग के अवसर पैदा करने में सक्षम बनाता है, साथ ही ऐसे समझौतों से बचने में भी मदद करता है जो भारत की कीमत पर दूसरे पक्ष को अत्यधिक लाभ पहुंचा सकते हैं। श्री गोयल ने कहा कि वे दिन अब बीत चुके हैं जब भारत अपनी ताकत को पहचाने बिना असंतुलित मुक्त व्यापार समझौते करता था। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए व्यवस्थित रूप से तैयार है, जो एक स्पष्ट विजन और राष्ट्र-प्रथम के दर्शन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता द्वारा निर्देशित है। उन्होंने 15 अगस्त, 2022 को प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त किए गए पांच सिद्धांतों, यानी पंच प्रण का स्मरण किया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि ये सिद्धांत 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और एसोचैम जैसे उद्योग संगठनों के सामूहिक प्रयास इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने भारत भर में स्टार्टअप, एमएसएमई और उद्योगों के साथ जुडऩे में एसोचैम की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन नीतिगत संवाद, व्यापार सुगमता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। श्री गोयल ने कहा कि साझा संकल्प, टीम वर्क और प्रतिबद्धता के साथ, भारत चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर सकता है तथा 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है।

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