फरीदाबाद। उद्योग क्षेत्रों में आधारमूल ढांचा सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु हरियाणा सरकार की १९२ करोड़ की योजना भले ही तकनीकी कारणों से उच्च न्यायालय में विचाराधीन हो और इस पर स्टे लगा हुआ है परंतु जब से सरकार ने यह कार्य हुड्डा को सौंपने के आदेश दिए हैं संतोष का विषय है कि हुड्डा पूर्ण रूप से सक्रिय है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह नीति बना ली है कि जैसे ही स्टे विकेट होगा वह कार्य आरंभ कर देगा। यह भी जानकारी मिली है कि जो कार्य इस विवाद में नहीं आते उन्हें आरंभ करने की तैयारियां पूरी कर लेना गलत नहीं होगा।
संभवतय: इसी नीति के अंतर्गत हुड्डा ने डीएलएफ इंडस्ट्रीयल एरिया, सैक्टर 32 में नया पुल बनाने के लिये दोबारा से टैंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यह कार्य १ करोड़ ८५ लाख रूपये का है जिसके लिये टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। हुड्डा सीई श्री राजीव शर्मा के अनुसार यह पुल बनाने के लिये १.५ वर्ष के समय का टारगेट बनाया गया है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा के अनुसार यह पुल डीएलएफ उद्योग क्षेत्र के लिये एक वरदान से कम नहीं होगा।
आपने बताया कि सैक्टर ३२, डीएलएफ इंडस्ट्रीयल एरिया के बीच से बुढिय़ा नाला गुजर रहा है, जिस पर पहले पुल बना हुआ था जिसे जर्जर होने की वजह से बंद कर दिया गया। आज स्थिति यह है कि इंडस्ट्रीयल एरिया के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने के लिये नेशनल हाईवे की तरफ से घूमकर आना पड़ता है। पुल बन जाने से यह बाधा दूर हो जाएगी।
संभवतय: इसी नीति के अंतर्गत हुड्डा ने डीएलएफ इंडस्ट्रीयल एरिया, सैक्टर 32 में नया पुल बनाने के लिये दोबारा से टैंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यह कार्य १ करोड़ ८५ लाख रूपये का है जिसके लिये टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। हुड्डा सीई श्री राजीव शर्मा के अनुसार यह पुल बनाने के लिये १.५ वर्ष के समय का टारगेट बनाया गया है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा के अनुसार यह पुल डीएलएफ उद्योग क्षेत्र के लिये एक वरदान से कम नहीं होगा।
आपने बताया कि सैक्टर ३२, डीएलएफ इंडस्ट्रीयल एरिया के बीच से बुढिय़ा नाला गुजर रहा है, जिस पर पहले पुल बना हुआ था जिसे जर्जर होने की वजह से बंद कर दिया गया। आज स्थिति यह है कि इंडस्ट्रीयल एरिया के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने के लिये नेशनल हाईवे की तरफ से घूमकर आना पड़ता है। पुल बन जाने से यह बाधा दूर हो जाएगी।
0 comments: