(रैपको न्यूज़ प्रतिनिधि)
फरीदाबाद। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व प्रधान डा0 एस के गोयल ने आरबीआई द्वारा आगामी मौद्रिक नीति में ब्याजदरों में पुन: कटौती करने के संकेतों पर जहां सुखद प्रतिक्रिया व्यक्त की है वहीं डा0 गोयल का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रूड आयल की बढ़ रही दरों को देखते हुए यह काफी आवश्यक भी है।
डा0 गोयल के अनुसार क्रूड आयल की कीमतों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो बढ़ौतरी हो रही है वह निश्चित रूप से चिंता का विषय है और इसके लिये विभिन्न कारण उत्तरदायी हैं।
डा0 गोयल का मानना है कि देश में क्रूड आयल की कीमतों के नाकारात्मक प्रभावों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है और ऐसे में जबकि आरबीआई की मौद्रिक नीति में ब्याजदरो को स्थिर रखने के संकेत सामने आ रहे हैं वह सराहनीय हैं परंतु इसके साथ-साथ आवश्यकता इस बात ेकी भी है कि अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिये कर ढांचे में ऐसा परिवर्तन किया जाए जिससे क्रूड आयल से निर्मित पेट्रोल व डीजल की कीमतें अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रभावित न कर सकें।
उल्लेखनीय है क्रूड आयल की कीमतों में बढ़ौतरी व इसके अर्थव्यवस्था पर नाकारात्मक प्रभाव की आशंकाओं के चलते अर्थव्यवस्था से जुड़े सूत्र चिंता व्यक्त कर चुके हैं और आरबीआई के संबंध में भी यह माना जा रहा है कि वह ब्याजदरों में स्थिरता का फार्मूला अपनाएगा।
डा0 गोयल का मानना है कि आवश्यकता इस बात की है कि क्रूड आयल की कीमतों में बढ़ौतरी व इससे होने वाले दुष्प्रभावों को सरकार गंभीरता से ले ताकि अर्थव्यवस्था को राहत दिलाने की ओर कदम उठाए जा सकें।
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