फरीदाबाद । धारा 138 एन आई एक्ट वा सिविल सूट की लिमिटेशन को लेकर परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।
इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री दीपक गुप्ता द्वारा जानकारी दी गई बताई जाती है कि लॉक टाउन का समय इस लिमिटेशंस से अलग माना जाएगा।
फरीदाबाद बार एसोसिएशन के प्रधान श्री संजीव चौधरी ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि लिमिटेशंस के तहत जिन वकीलों के केस इसी सप्ताह अथवा 15 अप्रैल तक डाले जाने थे वह अब लिमिटेशन का समय लॉक टाउन के बाद ले सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि नोटिस भेजे जाने उपरांत 138 एन आई एक्ट के जो मामले न्यायालय के समक्ष दिए जाने थे वह अब लिमिटेशन एक्ट के तहत लॉक डाउन की बाद भी वैसे ही डाले जा सकेंगे। श्री चौधरी ने जानकारी दी कि सिविल सूट के संबंध में भी यह प्रावधान रहेंगे। उल्लेखनीय हैं लाक डाऊन उपरांत अधिवक्ताओं व व्यवसाई वर्ग सहित आम जनता में लिमिटेशन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब जिला बार एसोसिएशन के प्रधान श्री संजीव चौधरी की जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता से हुई वार्ता उपरांत इस संबंध में स्थिति स्पष्ट हो गई कही जा सकती है, जिससे अधिवक्ताओं व आम जनता को राहत मिलेगी ऐसा कहा जा सकता है।
इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री दीपक गुप्ता द्वारा जानकारी दी गई बताई जाती है कि लॉक टाउन का समय इस लिमिटेशंस से अलग माना जाएगा।
फरीदाबाद बार एसोसिएशन के प्रधान श्री संजीव चौधरी ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि लिमिटेशंस के तहत जिन वकीलों के केस इसी सप्ताह अथवा 15 अप्रैल तक डाले जाने थे वह अब लिमिटेशन का समय लॉक टाउन के बाद ले सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि नोटिस भेजे जाने उपरांत 138 एन आई एक्ट के जो मामले न्यायालय के समक्ष दिए जाने थे वह अब लिमिटेशन एक्ट के तहत लॉक डाउन की बाद भी वैसे ही डाले जा सकेंगे। श्री चौधरी ने जानकारी दी कि सिविल सूट के संबंध में भी यह प्रावधान रहेंगे। उल्लेखनीय हैं लाक डाऊन उपरांत अधिवक्ताओं व व्यवसाई वर्ग सहित आम जनता में लिमिटेशन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब जिला बार एसोसिएशन के प्रधान श्री संजीव चौधरी की जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता से हुई वार्ता उपरांत इस संबंध में स्थिति स्पष्ट हो गई कही जा सकती है, जिससे अधिवक्ताओं व आम जनता को राहत मिलेगी ऐसा कहा जा सकता है।
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