Friday 10 April 2020

फाइनेंसियल ईयर 31 मार्च तक ही बनाए रखना राष्ट्र हित में : नरेंद्र अग्रवाल


फरीदाबाद। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपप्रधान श्री नरेंद्र अग्रवाल ने लॉक डाउन के कारण फाइनेंशियल ईयर 31 मार्च की बजाय 30 जून तक करने के सुझावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि यदि ऐसा किया जाता है तो इससे देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ने की संभावनाएं अधिक हैं।
श्री अग्रवाल का मानना है कि 31 मार्च तक फाइनेंशियल ईयर को मानते हुए ही सभी कार्रवाई अमल में लाई जाती रही हैं, ऐसे में यदि फाइनेंसियल ईयर को 30 जून तक बढ़ाया जाता है तो तीन माह के अकाउंटस को वर्ष 2019-20 में ही एडजस्ट किया जाएगा, जिससे अगले वित्त वर्ष में 9 माह का समय ही रह जाएगा, जिससे मौजूदा वित्त वर्ष ही नहीं आने वाले वित्त वर्ष में भी पूरी व्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा।
श्री अग्रवाल का मानना है कि सरकार द्वारा कर भुगतान का समय बढ़ाने से उद्योगों को राहत मिलना स्वाभाविक है, परंतु फाइनेंसियल ईयर को 31 मार्च तक ही घोषित किया जाना चाहिए।
 श्री अग्रवाल के अनुसार यह ठीक है कि मार्च में भुगतान व उत्पादकता को लेकर कोरोनावायरस के कारण काफी नकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, परंतु यह केवल मौजूदा वित्त वर्ष का ही अंतिम माह ही था, ऐसे में वित्त वर्ष की समय सीमा 3 माह तक बढ़ाई जानी तर्कसंगत नहीं कही जा सकती।
श्री अग्रवाल के अनुसार इसके साथ-साथ कोरोनावायरस को लेकर जो माहौल बना, उससे हमें अपने व्यापारिक संबंधों तथा व्यापारिक प्रक्रिया पर भी पुनर्विचार करना होगा।
 श्री अग्रवाल का सुझाव है कि भारतीय व्यापारिक संबंधों को राष्ट्र, सब-कॉन्टिनेंटल या अधिकतम कॉन्टिनेंटल स्तर तक ही विकसित किया जाना चाहिए।
आपने स्पष्ट करते कहा है कि भौगोलिक स्थिति, मौसम व अन्य कारणों से भारतीय उत्पादन केवल कॉन्टिनेंटल स्तर तक ही बेहतर परिणाम वाले सिद्ध हो सकते है।
श्री अग्रवाल के अनुसार भारतीय उत्पादन गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए हुए हैं, ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि भारतीय उत्पादन के उपयोगकर्ता भी लगभग एक समान भौगोलिक स्थिति के हों।
आपने इसके साथ-साथ स्वदेशी की भावना को भी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते कहा है कि यह समय की आवश्यकता है और मौजूदा समय में जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोनावायरस ने अपना प्रकोप दिखाया, ऐसे में स्वदेशी उत्पादन ही वास्तव में देशवासियों के लिए सहायक बना यह निर्विवाद सत्य है।
श्री अग्रवाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि केंद्र सरकार व सभी संबंधित वर्ग इस संबंध में सकारात्मक दृष्टिकोण का परिचय देंगे और परस्पर एकजुट होकर ऐसे निर्णय लिए जाएंगे जिससे आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिल सकेगी।
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