Monday 6 April 2020

एफआईए ने विद्युत मंत्री को लिखा पत्र : फिक्स्ड चार्जेस में छूट का लाभ देने के लिए व्यवहारिक कदम जरूरी


फरीदाबाद। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने हरियाणा के विद्युत मंत्री श्री रणजीत सिंह को पत्र लिखकर प्रदेश के उद्योगों को बिजली संबंधी फिक्स्ड चार्जेस से दी गई छूट का लाभ वास्तविक रूप से उद्योगों तक पहुंचाने के लिए इसे व्यवहारिक रूप देने का आग्रह किया है।
बिजली मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा कुछ श्रेणी के कनेक्शनों को फिक्स्ड चार्जस से छूट प्रदान की गई हैं, जिसकी अधिकतम छूट सीमा ₹10000 है। यही नहीं ऐसे भी प्रावधान है कि जो उद्योग मार्च व अप्रैल में 50% से कम बिजली की खपत करते हैं उन्हें ही यह छूट प्रदान की जाएगी, अर्थात जिन उद्योगों में मार्च व अप्रैल में बिजली की खपत निर्धारित यूनिट से 50% प्रतिशत से अधिक होगी उनके लिए फिक्स्ड चार्जेस में छूट का प्रावधान नहीं होगा।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री बीआर भाटिया के अनुसार मार्च 2020 में उद्योगों ने लगभग 20 दिन कार्य किया और अप्रैल में भी जैसा कि प्रस्तावित है 15 अप्रैल को लाक डाउन समाप्त हो जाएगा, ऐसे में अप्रैल 2020 में भी उद्योग 16 दिन तक कार्य करेंगे, ऐसी स्थिति में उद्योगों में 50 फ़ीसदी से अधिक बिजली खपत होना तय है और ऐसी स्थिति में फिक्स्ड चार्जेस में छूट की घोषणा के कोई मायने ही नहीं रहते।
श्री भाटिया के अनुसार जो हाई टेंशन कनेक्शन 50 किलोवाट से अधिक के हैं उनके लिए भी अधिकतम ₹10000 की फिक्स चार्जेस में छूट तर्कसंगत नहीं है क्योंकि फिक्स्ड चार्जेस के रूप में इन उद्योगों को एक भारी-भरकम राशि बिजली विभाग को देनी ही होगी।
 श्री भाटिया के अनुसार सरकार द्वारा जो छूट प्रदान की गई है वह एक अच्छा कदम है परंतु इसे व्यवहारिक रूप से क्रियान्वित किया जाना चाहिए, क्योंकि छूट के साथ-साथ जो प्रावधान किए गए हैं, उससे साफ है कि किसी भी छूट का लाभ उद्योगों को बिना जी नहीं पाएगा। श्री भाटिया ने छूट का व्यवहारिक लाभ उद्योगों तक सुनिश्चित करने व फिक्स्ड चार्जेस पर छूट की सीमा को मार्च 2020 से 9 माह के लिए करने का आग्रह भी पत्र में किया गया है।
 श्री भाटिया के अनुसार उद्योगों की वर्तमान स्थिति से सरकार भी भलीभांति अवगत है। उद्योगों में उत्पादन ठप है और सरकार के आदेश अनुसार श्रमिकों को वेतन देने के साथ-साथ अन्य सुविधाएं देना जरूरी है, जिससे उद्योगों पर आर्थिक भार बढ़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।
 इसके साथ-साथ पत्र में इंडस्ट्रियल टेरिफ सब्सटेंशियल रिडक्शन की भी मांग की गई है। पत्र में ओपन एक्सैस को भी अतिरिक्त सरचार्ज से छूट देने का आग्रह भी किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि कई राज्यों जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र इत्यादि शामिल है, ने फिक्स चार्जेस में प्रत्यक्ष छूट प्रदान की है, ऐसे में हरियाणा में भी इस प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए।
 कहा गया है कि उद्योग प्रबंधक व औद्योगिक संस्थान वर्तमान परिवेश में सरकार की जनकल्याण नीतियों के तहत अपना योगदान दे रहे हैं और जहां तक संभव है, आर्थिक सहयोग देने के साथ-साथ भोजन सामग्री का वितरण व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
 श्री भाटिया के अनुसार उद्योगों में लाक डाउन के कारण उत्पादन बंद है और ऐसी स्थिति में यदि बिजली संबंधी फिक्स चार्ज उनसे वसूला जाता है तो इससे उद्योगों की परेशानियां बढ़ेंगी और बिना उपयोग के बिजली के भारी-भरकम बिल उद्योगों को देने पड़ेंगे जो कि एक बड़ा आर्थिक भार सिद्ध होगा।
श्री भाटिया ने विश्वास व्यक्त किया है कि सरकार इस संबंध में ठोस व प्रभावी कार्य नीति का परिचय देगी और इससे निश्चित रूप से उद्योगों को राहत मिलेगी।
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