(सरदार हरी सिंह नलवा) |
सरदार हरी सिंह नलवा को याद करते हुए स. राणा ने बताया कि सरदार हरि सिंह नलवा महाराजा रणजीत सिंह के सेनाध्यक्ष थे, जिन्होने कई युद्धों का नेतृत्व किया। रणनीति और रणकौशल की दृष्टि से परिपूर्ण स. हरि सिंह नलवा ने कश्मीर पर विजय प्राप्त कर अपना लोहा मनवाया। यही नहीं, काबुल पर भी सेना चढ़ाकर जीत दर्ज की। खैबर दर्रे से होने वाले अफगान आक्रमणों से देश को मुक्त किया। महाराजा रणजीत सिंह के सिख शासन के दौरान 1807 ई. से लेकर 1837 ई. तक हरि सिंह नलवा लगातार अफगानों के खिलाफ लड़े। अफगानों के खिलाफ जटिल लड़ाई जीतकर नलवा ने कसूर, मुल्तान, कश्मीर और पेशावर में सिख शासन की व्यवस्था की थी।
स राणा ने कहा है कि आज एक बार पुनः समय आ गया है जब हम मानवता की लड़ाई में अपनी कौम व पंथ के इतिहास के अनुरूप सहयोग दें। कहा गया है कि जरूरतमंदों की सेवा व मानवता तथा प्रकृति संरक्षण सिखों का प्रथम कर्तव्य है और इस हेतु सीख वर्ग द्वारा चलाए जा रहे लंगर व स्वच्छता संबंधी अभियान सराहनीय है। श्री राणा ने पंथ से जुड़े लोगों विशेषकर यूथ को अपने प्रयासों को और तीव्र रूप देने का आह्वान किया है।
श्री कंग ने जानकारी दी कि मौजूदा समय में जबकि लॉक डाउन का समय है और सोशल डिस्टेंस को आवश्यक माना जा रहा है, ऐसे में कोई आयोजन नहीं किए जा रहे। आपने बताया कि लोक डाउन उपरांत पंजाबी सेवादल अपने उद्देश्यों के अनुरूप ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देगा जिससे आने वाली पीढ़ी पंथ के नायकों व शहीदों के बलिदान को याद रख सके।
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