Friday 15 May 2020

केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज में वकीलों को वित्तीय राहत ना मिलने पर क्षोभ व्यक्त, बार काउंसिल ऑफ इंडिया मामले को संज्ञान में लें : संजीव चौधरी


फरीदाबाद (नरेंद्र रजनीकर)। जिला बार एसोसिएशन फरीदाबाद के प्रधान एडवोकेट संजीव चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश में कोरोनावायरस के कारण चल रहे लाक डाउन से हुए नुकसान से उबरने के लिए घोषित आर्थिक पैकेज में अधिवक्ताओं के लिए कोई प्रावधान ना करने पर दुख व्यक्त किया है।
श्री चौधरी ने कहा है कि देश में अधिवक्ता पूर्ण रूप से अपने व्यवसाय के प्रति समर्पित वर्ग है और विधि अनुसार उसे यह अनुमति नहीं है कि वह कोई और व्यवसाय अथवा नौकरी कर सकें, ऐसे में उम्मीद व्यक्त की जा रही थी कि सरकार वकीलों के लिए भी आर्थिक पैकेज में कोई वित्तीय प्रावधान करेगी, परंतु ऐसा नहीं किया गया।
श्री चौधरी ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि जब उद्योग प्रबंधकों, किसानों, पटरी वालों दुकानदारों, श्रमिकों सहित सभी वर्गों के लिए प्रावधान किए जा सकते हैं तो इसमें अधिवक्ताओं को भी शामिल किया जाना चाहिए था।
 आपने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इस संबंध में तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कहा है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया वास्तव में अधिवक्ताओं की संरक्षक संस्था है, ऐसे में उसे मामले को संज्ञान में लेना चाहिए और ऐसे प्रावधान करने चाहिए कि देश भर में कार्यरत अधिवक्ताओं को भी आर्थिक पैकेज का लाभ मिल सके।
 श्री चौधरी के अनुसार पिछले लगभग 60 दिन से देश भर की कोर्ट में कार्य बंद है और अधिवक्ता अपने घरों में बैठे हैं, आय का कोई अन्य स्त्रोत ना होने के कारण क‌ई अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति चरमरा रही हैं, जिस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।
श्री चौधरी ने इस संबंध में विभिन्न अधिवक्ता संघों, संगठनों तथा पंजाब व हरियाणा बार काउंसिल सहित प्रदेशों की बार काउंसिल से भी आग्रह किया है कि वे एकजुट होकर अधिवक्ताओं के हित में आवाज उठाएं, ताकि इस वर्ग की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया जा सके और अधिवक्ताओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में सफलता मिल सके।
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