Monday 1 June 2020

युवा वर्ग की क्षमता तथा गुणों के बल पर अंतरराष्ट्रीय मानकों की उपलब्धि अर्जित करने में सफल रहेंगे ; जेपी मल्होत्रा


फरीदाबाद, 1 जून (रैपको न्यूज)। अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक वास्तव में आज एक बड़ी चुनौती है, परंतु भारत में युवा वर्ग में क्षमता तथा गुणों के बल पर हम अंतरराष्ट्रीय मानकों की उपलब्धि अर्जित करने में सफल रहेंगे।
 डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जेपी मल्होत्रा ने यहां प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आगे कहा है कि आवश्यकता इस बात की है कि भारतीय एमएसएमई सेक्टर को पुन: संगठित करना होगा और हमें अपनी स्किल क्षमता तथा प्रदर्शन की बेहतरी के लिए कार्य करना होगा।
 श्री मल्होत्रा के अनुसार इस संबंध में टीमवर्क जरूरी है और प्रत्येक टीम को अपने संस्थान को बेहतरीन शीर्ष स्तर पर ले जाने का संकल्प लेना होगा।
श्री मल्होत्रा जोकि टैप डीसी के संस्थापक चेयरमैन भी हैं, के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए 10 सूत्री कार्यक्रम पर ध्यान दिया जाना आज समय की आवश्यकता है।
 श्री मल्होत्रा का मानना है कि एमएसएमई सेक्टर की बेहतरी के लिए हमें अपनी प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए। कहा गया है कि यदि हम अपने व्यवसाय को शीर्ष तथा तीव्र गति से आगे बढ़ाना चाहते हैं तो ऑटोमेशन तथा स्टैंडर्डाइजेशन पर फोकस केंद्रित करना होगा।
 श्री मल्होत्रा का मानना है कि कोविड-19 के दौर में बिजनेस कम्युनिटी को अपनी क्वालिटी को मेंटेन रखते हुए ना केवल सुरक्षा मानकों पर भी ध्यान देना होगा बल्कि एक दूसरे की टांग खींचने की बजाए पावरफुल टीम के रूप में कार्य करने के मंत्र को अपनाना होगा।
 श्री मल्होत्रा के अनुसार हमारा लक्ष्य बेहतर संबंधों के साथ और आसान हो सकता है तथा इस संबंध में आवश्यकता इस बात की है की सभी संबंधित वर्गों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ-साथ आपने डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि एमएसएमई सेक्टर की कार्यप्रणाली को आसान बनाने के लिए सरकार भी अपना सहयोग दें।
कहा गया है कि आज आवश्यकता इस बात की है कि इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस संबंधी नीति को सुलभ बनाया जाए और तकनीकी रूप से एमएसएमई सेक्टर को उन्नत करने के साथ-साथ श्रम कानूनों में सुधार उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सहायता प्रदान की जाए।
श्री मल्होत्रा के अनुसार आत्मनिर्भर भारत के लिए पुनर्सरचना, संकल्प और उत्पादकता पर ध्यान जरूरी है।

 कहा गया है कि यदि सरकार एमएसएमई सेक्टर परस्पर एकजुट होकर कार्य करते है तो हम ग्लोबल से लोकल अर्थात गलोकल के लक्ष्य की ओर अधिक प्रभावी रूप से बढ़ सकेंगे।
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