फरीदाबाद 11 जुलाई (रैपको न्यूज़)। पुलिस आयुक्त महोदय श्री ओपी सिंह ने आज सभी डीसीपी, एसीपी, थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज को साइबर क्राइम से संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए दिशा निर्देश जारी की है और उन्होंने साइबर क्राइम से बचाव के लिए भी एडवाइजरी जारी की है।
कहा गया है कि कोरोना महामारी की आपदा के निदान के लिए लगाए लाकडाउन के दौरान लोगो ने शापिंग व पेमैन्ट करने के लिए आनलाईन ट्रैंज़ैक्शन को तेजी से अपनाया है। आनलाईन पेमैन्ट व शापिंग के लिए भिन्न भिन्न पेमैन्ट एप का इस्तेमाल किया जा रहा है।
21 वी सदी के लोगो के लिए टेकनोलोजी की तरफ बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे जैसे लोग इस नई टेकनोलोजी की तरफ बढ रहे है, उतनी ही तेजी से साईबर जालसाज लोगो को साईबर ठगी का शिकार बना रहे है। साईबर ठगी से बचने का सबसे उत्तम उपाय साईबर अपराध के तरीको की जानकारी होना है, तो चलिए आपको निम्नलिखित बिन्दुओ द्वारा उन तरीको से व बचने के उपाय से अवगत कराते है।
गाइड लाइन के अनुसार अगर कोई अपरिचित व्यक्ति आपको फोन करके किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहता है तो एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें क्योकि उससे आपका मोबाईल हैक हो सकता है। जालसाल पहले आपके फोन में एप्लिकेशन डाउनलोड कराते है और के.वाई.सी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउट में ट्रांसफर करने के लिए कहते है और जब आप उनके कहे मुताबिक ट्राजेक्शन करते है तो उसी वक्त वह आपके हैक हुए फोन से आपके खाते से पैसे निकाल लेते है।
बताया गया है कि एटीएम बूथ पर पैसे निकालते वक्त सावधान रहे, सजग रहें ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे। कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी एटीएम बूथ से कार्ड के द्वारा ट्रांजैक्शन करे तो अपना पिन किसी को ना बताए ना दिखाए। ट्रांजैक्शन करने में असमर्थ होने पर किसी भी अपरिचित व्यक्ति की सहायता ना लें। वह अपरिचित आपके साथ धोखेबाजी कर सकता है, आपके एटीएम कार्ड को बदल सकता है और आपके खाते से पैसा उडा सकता है। कुछ जालसाज अपने शिकार की तलाश में एटीएम बूथ के पास खडे रहते है । ये जानबूझकर आपकी मदद करने का आफर देते है, लेकिन ऐसी मदद करने वाले व्यक्ति की सहायता ना ले। किसी भी अपरिचित पर विश्वास ना करें। पैसे निकालने में कभी मदद लेनी पड़े तो केवल बैंक के कर्मचारियों या एटीएम बूथ में मौजूद गार्ड की सहायता लें। किसी भी व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल, ए.टी.एम. कार्ड नंबर, कार्ड की एक्सपायरी, एवं कार्ड पर पीछे लिखे 3 डिजिट के cvv नंबर को किसी के साथ शेयर ना करें ।
कहां गया है कि जैसे ही आपको अपने साथ हुई धोखाधडी के बारे में पता चलता है, तो तुरन्त अपने बैक के customer care नंबर पर काल कर अपने बैक को सूचित करें।
गाइड लाइन में कहा गया है कि फोन पर बैंक कर्मी/Paytm अधिकारी बनकर जालसाज आपका बैंक अकाउंट बंद होने एवं डेबिट या क्रेडिट कार्ड बंद होने, अकाउंट की के.वाई.सी. करने के नाम पर आपसे आपकी बैंकिंग डीटेल्स मागते है, तो आप तुरन्त सतर्क हो जाए और अपनी किसी भी तरह की पर्सनल व बैक से सबंधित डीटेल्स एवं पासवर्ड सांझा ना करें।
जानकारी दी गई है कि आनलाइन नेट बैंकिंग इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि ट्रैन्सैक्शन हमेशा अपने पर्सनल कम्पयूटर/लैपटाप या फोन पर करे। बैंक की वेवसाईट को इस्तेमाल करते समय ध्यान दे कि url से पहले HTTPS लगा हुआ है या नही। जहा तक हो सके ट्रैंज़ैक्शन करते समय बैक की वेवसाईट पर उपलब्ध virtual keyboard का इस्तेमाल करें।
गाइड लाइन के अनुसार जालसाज आपको फोन कर पहले अपना परिचित बतलाकर अपनी आवाज पहचानने के लिए बोलते है। जब आप उसकी आवाज को पहचानते हुए किसी अपने परिचित का नाम बतलाते है तो वह व्यक्ति वही व्यक्ति बनकर, अपनी मजबूरी बतलाकर या आपके पास पैसे भेजकर किसी को देने के नाम पर आपसे पैसे की मांग करता है , ऐसे व्यक्तियो की पहचान करें।
बताया गया है कि आपके डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग होने से बचने के लिए ध्यान दें कि शॉपिंग मॉल, मार्केट, रेस्टोरेंट्स एवं अन्य जगह पर शॉपिंग करते समय, अपना क्रेडिटॅ या डेबिट कार्ड स्वाईप करवाते समय ध्यान रखें कि काउंटर पर कार्ड स्वाइप करने वाला व्यक्ति कार्ड को एक मशीन के अलावा दूसरी मशीन में कार्ड स्वाइप ना करें।
कहां गया है कि किसी भी अपरिचित नंबर से आपके पास फोन मैसेज एवं व्हाट्सएप मैसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक ना करें । यह लिंक साइबर ठगो के द्वारा भेजा हुआ हो सकता है।
पुलिस प्रशासन के अनुसार नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की खबरें आए दिनों अखबारों में छाई रहती हैं| कुछ सालसाज लोग अच्छी नौकरी का झांसा देकर युवाओं को फंसा लेते है। आपको फसाने के लिए जालसाज अखबारों में विज्ञापन देकर, एसएमएस के जरिए, सरकारी वेबसाईट/प्प्रसिद्ध जॉब पोर्टल से मिलती-जुलती नकली वेबसाइट् के सहारे, टेलीकालिंग के जरिए आपको अच्छी फर्मो कम्पनियों में वे विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर अलग अलग चीजो का बहाना बनाकर आपको ठगी का शिकार बनाकर पैसे हडप लेते है। इसलिए संभवतः उच्च प्रतिष्ठानो की वेवसाईट पर ही आवेदन करें और किसी को नौकरी के लिए उनके बतलाए बैंक अकाउट व मोबाईल वैलेटो में पैसा ना भेजें।
बताया गया है कि मैट्रीमोनियल साईट/डेंटिग साईट पर युवक व युवतियो को शादी दोस्ती का झांसा देकर पसे ऐठने की वारदाते भी बढ़ती जा रही है। जालसाज मैट्रीमोनियल साईट व डेटिंग साईट पर अपना अकाउंट बनाते है और उस पर अपनी गलत प्रोफाईल दर्शाते हैं। वह या तो अपने आपको हाईप्रोफाईल या विदेश में रहने व नौकरी का झांसा देकर उनसे मदद के बहाने पैसे ऐठते है या कोई पार्सल भेजने का झांसा देकर ऐयरपोर्ट पर वह पार्सल कस्टम अधिकारी द्वारा रोके जाने की बात कहकर उसको छुडाने के नाम पर मोटी रकम ऐटते है।
अतः इन नकली प्रोफाईलों से सावधान रहे और यदि कोई आपको विदेश से पैसे या गिफ्ट भेजने की बात बतलाकर और कस्टम अधिकारी बतलाए तो आप सतर्क हो जाएँ।
श्री सिंह के अनुसार उपरोक्त बिन्दुओ की जानकारी से आप साईबर ठगी से बच सकते है। अपने आस-पास के लोगो को उपरोक्त बिन्दुओ से अवगत कराये। फरीदाबाद पुलिस की साईबर अपराध शाखा ने साईबर ठगी करने वाले जालसाजो को दबोचा है।
पुलिस निरन्तर साईबर ठगी पर लगाम लगाने के लिए लोगो को जागरूक करती रही है, और इस तरह के जालसाजो व वारदातो पर निगरानी रखती है। आपकी सतर्कता और जानकारी मे ही आपका वचाव है। फिर भी आपके साथ कोई आनलाईन फ्रांड या धोखाधडी होती है तो आप आनलाईन साईबर क्राइम पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते है
कहा गया है कि कोरोना महामारी की आपदा के निदान के लिए लगाए लाकडाउन के दौरान लोगो ने शापिंग व पेमैन्ट करने के लिए आनलाईन ट्रैंज़ैक्शन को तेजी से अपनाया है। आनलाईन पेमैन्ट व शापिंग के लिए भिन्न भिन्न पेमैन्ट एप का इस्तेमाल किया जा रहा है।
21 वी सदी के लोगो के लिए टेकनोलोजी की तरफ बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे जैसे लोग इस नई टेकनोलोजी की तरफ बढ रहे है, उतनी ही तेजी से साईबर जालसाज लोगो को साईबर ठगी का शिकार बना रहे है। साईबर ठगी से बचने का सबसे उत्तम उपाय साईबर अपराध के तरीको की जानकारी होना है, तो चलिए आपको निम्नलिखित बिन्दुओ द्वारा उन तरीको से व बचने के उपाय से अवगत कराते है।
गाइड लाइन के अनुसार अगर कोई अपरिचित व्यक्ति आपको फोन करके किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहता है तो एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें क्योकि उससे आपका मोबाईल हैक हो सकता है। जालसाल पहले आपके फोन में एप्लिकेशन डाउनलोड कराते है और के.वाई.सी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउट में ट्रांसफर करने के लिए कहते है और जब आप उनके कहे मुताबिक ट्राजेक्शन करते है तो उसी वक्त वह आपके हैक हुए फोन से आपके खाते से पैसे निकाल लेते है।
बताया गया है कि एटीएम बूथ पर पैसे निकालते वक्त सावधान रहे, सजग रहें ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे। कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी एटीएम बूथ से कार्ड के द्वारा ट्रांजैक्शन करे तो अपना पिन किसी को ना बताए ना दिखाए। ट्रांजैक्शन करने में असमर्थ होने पर किसी भी अपरिचित व्यक्ति की सहायता ना लें। वह अपरिचित आपके साथ धोखेबाजी कर सकता है, आपके एटीएम कार्ड को बदल सकता है और आपके खाते से पैसा उडा सकता है। कुछ जालसाज अपने शिकार की तलाश में एटीएम बूथ के पास खडे रहते है । ये जानबूझकर आपकी मदद करने का आफर देते है, लेकिन ऐसी मदद करने वाले व्यक्ति की सहायता ना ले। किसी भी अपरिचित पर विश्वास ना करें। पैसे निकालने में कभी मदद लेनी पड़े तो केवल बैंक के कर्मचारियों या एटीएम बूथ में मौजूद गार्ड की सहायता लें। किसी भी व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल, ए.टी.एम. कार्ड नंबर, कार्ड की एक्सपायरी, एवं कार्ड पर पीछे लिखे 3 डिजिट के cvv नंबर को किसी के साथ शेयर ना करें ।
कहां गया है कि जैसे ही आपको अपने साथ हुई धोखाधडी के बारे में पता चलता है, तो तुरन्त अपने बैक के customer care नंबर पर काल कर अपने बैक को सूचित करें।
गाइड लाइन में कहा गया है कि फोन पर बैंक कर्मी/Paytm अधिकारी बनकर जालसाज आपका बैंक अकाउंट बंद होने एवं डेबिट या क्रेडिट कार्ड बंद होने, अकाउंट की के.वाई.सी. करने के नाम पर आपसे आपकी बैंकिंग डीटेल्स मागते है, तो आप तुरन्त सतर्क हो जाए और अपनी किसी भी तरह की पर्सनल व बैक से सबंधित डीटेल्स एवं पासवर्ड सांझा ना करें।
जानकारी दी गई है कि आनलाइन नेट बैंकिंग इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि ट्रैन्सैक्शन हमेशा अपने पर्सनल कम्पयूटर/लैपटाप या फोन पर करे। बैंक की वेवसाईट को इस्तेमाल करते समय ध्यान दे कि url से पहले HTTPS लगा हुआ है या नही। जहा तक हो सके ट्रैंज़ैक्शन करते समय बैक की वेवसाईट पर उपलब्ध virtual keyboard का इस्तेमाल करें।
गाइड लाइन के अनुसार जालसाज आपको फोन कर पहले अपना परिचित बतलाकर अपनी आवाज पहचानने के लिए बोलते है। जब आप उसकी आवाज को पहचानते हुए किसी अपने परिचित का नाम बतलाते है तो वह व्यक्ति वही व्यक्ति बनकर, अपनी मजबूरी बतलाकर या आपके पास पैसे भेजकर किसी को देने के नाम पर आपसे पैसे की मांग करता है , ऐसे व्यक्तियो की पहचान करें।
बताया गया है कि आपके डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग होने से बचने के लिए ध्यान दें कि शॉपिंग मॉल, मार्केट, रेस्टोरेंट्स एवं अन्य जगह पर शॉपिंग करते समय, अपना क्रेडिटॅ या डेबिट कार्ड स्वाईप करवाते समय ध्यान रखें कि काउंटर पर कार्ड स्वाइप करने वाला व्यक्ति कार्ड को एक मशीन के अलावा दूसरी मशीन में कार्ड स्वाइप ना करें।
कहां गया है कि किसी भी अपरिचित नंबर से आपके पास फोन मैसेज एवं व्हाट्सएप मैसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक ना करें । यह लिंक साइबर ठगो के द्वारा भेजा हुआ हो सकता है।
पुलिस प्रशासन के अनुसार नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की खबरें आए दिनों अखबारों में छाई रहती हैं| कुछ सालसाज लोग अच्छी नौकरी का झांसा देकर युवाओं को फंसा लेते है। आपको फसाने के लिए जालसाज अखबारों में विज्ञापन देकर, एसएमएस के जरिए, सरकारी वेबसाईट/प्प्रसिद्ध जॉब पोर्टल से मिलती-जुलती नकली वेबसाइट् के सहारे, टेलीकालिंग के जरिए आपको अच्छी फर्मो कम्पनियों में वे विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर अलग अलग चीजो का बहाना बनाकर आपको ठगी का शिकार बनाकर पैसे हडप लेते है। इसलिए संभवतः उच्च प्रतिष्ठानो की वेवसाईट पर ही आवेदन करें और किसी को नौकरी के लिए उनके बतलाए बैंक अकाउट व मोबाईल वैलेटो में पैसा ना भेजें।
बताया गया है कि मैट्रीमोनियल साईट/डेंटिग साईट पर युवक व युवतियो को शादी दोस्ती का झांसा देकर पसे ऐठने की वारदाते भी बढ़ती जा रही है। जालसाज मैट्रीमोनियल साईट व डेटिंग साईट पर अपना अकाउंट बनाते है और उस पर अपनी गलत प्रोफाईल दर्शाते हैं। वह या तो अपने आपको हाईप्रोफाईल या विदेश में रहने व नौकरी का झांसा देकर उनसे मदद के बहाने पैसे ऐठते है या कोई पार्सल भेजने का झांसा देकर ऐयरपोर्ट पर वह पार्सल कस्टम अधिकारी द्वारा रोके जाने की बात कहकर उसको छुडाने के नाम पर मोटी रकम ऐटते है।
अतः इन नकली प्रोफाईलों से सावधान रहे और यदि कोई आपको विदेश से पैसे या गिफ्ट भेजने की बात बतलाकर और कस्टम अधिकारी बतलाए तो आप सतर्क हो जाएँ।
श्री सिंह के अनुसार उपरोक्त बिन्दुओ की जानकारी से आप साईबर ठगी से बच सकते है। अपने आस-पास के लोगो को उपरोक्त बिन्दुओ से अवगत कराये। फरीदाबाद पुलिस की साईबर अपराध शाखा ने साईबर ठगी करने वाले जालसाजो को दबोचा है।
पुलिस निरन्तर साईबर ठगी पर लगाम लगाने के लिए लोगो को जागरूक करती रही है, और इस तरह के जालसाजो व वारदातो पर निगरानी रखती है। आपकी सतर्कता और जानकारी मे ही आपका वचाव है। फिर भी आपके साथ कोई आनलाईन फ्रांड या धोखाधडी होती है तो आप आनलाईन साईबर क्राइम पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते है
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