झज्जर, 07 जुलाई। बागवानी के क्षेत्र में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनुदान सुविधाओं का प्रावधान करते हुए किसानों को लाभांवित करने के सार्थक कदम सरकार ने उठाए हैं। डीसी जितेंद्र कुमार ने कहा कि बागवानी की खेती से फसल विविधकरण् को बढ़ावा देते हुए किसान सरकार की मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में भी सहभागी बन रहे हैं।
डीसी श्री जितेंद्र कुमार ने कहा कि किसानों को बागवानी लगाने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत अनुदान दिया जा रहा है। सरकार की ओर से बागवानी विभाग की योजना के बारे में डीसी ने बताया कि किसानों को आम, बेर, अमरूद व नींबू आदि के नए बाग लगाने हेतु 50 प्रतिशत अनुदान राशि या 4 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी दी जाएगी। बागों के रखरखाव के लिए अनुदान राशि प्रथम वर्ष में यदि 75 प्रतिशत पौधे जिंदा हैं तथा 20 प्रतिशत द्वितीय वर्ष में यदि 90 प्रतिशत पौधे जिंदा है तब दिए जाने का प्रावधान है। आम व बेर के पुराने बागों के जीर्णोद्वार के लिए प्रति लाभार्थी 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए कुल लागत राशि का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि बागों के लिए सामुदायिक तालाबों का निर्माण 10 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने की क्षमता वाले तालाब के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं बागों के लिए व्यक्तिगत तालाबों के निर्माण पर 50 प्रतिशत अनुदान या 75000 रूपए अधिकतम राशि का अनुदान देने की योजना है। हाईब्रीड सब्जियों की खेती के लिए लागत का 40 प्रतिशत या 20000 रूपए प्रति हेक्टेयर अधिकतम एक हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा। ओपन पोलिनेटिड सब्जियों का बीज उत्पादन के लिए लागत का 35 प्रतिशत या 12250 रूपए अनुदान दिया जाएगा। मशरूम के लिए लागत का 40 प्रतिशत प्रोजेक्ट आधारित अनुदान दिया जाएगा। फूलों जैसे गेंदा, ग्लैडियोलस व रजनीगंधा की खेती के लिए लागत का 25 प्रतिशत से 40 प्रतिशत अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा। मसालों वाली फसल जैसे लहसुन, हल्दी व अदरक आदि के लिए लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम एक हेक्टेय क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा। बागों के लिए आईपीएम तथा आईएनएम का प्रमोशन के लिए प्रति लाभार्थी 4 हेक्टेयर क्षेत्र केलिए लागत का 30 प्रतिशत या अधिकतम 1200 रूपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि मधुमक्खी पालन द्वारा पराग-कण को बढ़ाने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान राशि पर प्रत्येक लाभार्थी को 50 बक्सों पर अधिकतम 80000 रूपए अनुदान देने का प्रावधान है। संरक्षित खेती पर 50 प्रतिशत अनुदान राशि पर व एक लाभार्थी को अधिकतम 0.4 हेक्टेयर का प्रावधान है। कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चैम्बर्स, प्रोसैसिंग यूनिट व रैफरिजरेटिड वैन के लिए 35 से 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि का प्रावधान है। बागवानी उपकरण जैसे छोटा ट्रेक्टर, पावर टिल्लर, स्प्रे पम्प व लाइट पम्प के लिए 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि का प्रावधान है इसी प्रकार प्यार स्टोरेज व मोबाइल वैडिंग कार्ट के लिए अधिकतम लागत का 50 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है। ऐसे में सरकार की ओर से दी जा रही अनुदान सुविधा का किसान लाभ उठाएं।
डीसी श्री जितेंद्र कुमार ने कहा कि किसानों को बागवानी लगाने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत अनुदान दिया जा रहा है। सरकार की ओर से बागवानी विभाग की योजना के बारे में डीसी ने बताया कि किसानों को आम, बेर, अमरूद व नींबू आदि के नए बाग लगाने हेतु 50 प्रतिशत अनुदान राशि या 4 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी दी जाएगी। बागों के रखरखाव के लिए अनुदान राशि प्रथम वर्ष में यदि 75 प्रतिशत पौधे जिंदा हैं तथा 20 प्रतिशत द्वितीय वर्ष में यदि 90 प्रतिशत पौधे जिंदा है तब दिए जाने का प्रावधान है। आम व बेर के पुराने बागों के जीर्णोद्वार के लिए प्रति लाभार्थी 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए कुल लागत राशि का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि बागों के लिए सामुदायिक तालाबों का निर्माण 10 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने की क्षमता वाले तालाब के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं बागों के लिए व्यक्तिगत तालाबों के निर्माण पर 50 प्रतिशत अनुदान या 75000 रूपए अधिकतम राशि का अनुदान देने की योजना है। हाईब्रीड सब्जियों की खेती के लिए लागत का 40 प्रतिशत या 20000 रूपए प्रति हेक्टेयर अधिकतम एक हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा। ओपन पोलिनेटिड सब्जियों का बीज उत्पादन के लिए लागत का 35 प्रतिशत या 12250 रूपए अनुदान दिया जाएगा। मशरूम के लिए लागत का 40 प्रतिशत प्रोजेक्ट आधारित अनुदान दिया जाएगा। फूलों जैसे गेंदा, ग्लैडियोलस व रजनीगंधा की खेती के लिए लागत का 25 प्रतिशत से 40 प्रतिशत अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा। मसालों वाली फसल जैसे लहसुन, हल्दी व अदरक आदि के लिए लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम एक हेक्टेय क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा। बागों के लिए आईपीएम तथा आईएनएम का प्रमोशन के लिए प्रति लाभार्थी 4 हेक्टेयर क्षेत्र केलिए लागत का 30 प्रतिशत या अधिकतम 1200 रूपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि मधुमक्खी पालन द्वारा पराग-कण को बढ़ाने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान राशि पर प्रत्येक लाभार्थी को 50 बक्सों पर अधिकतम 80000 रूपए अनुदान देने का प्रावधान है। संरक्षित खेती पर 50 प्रतिशत अनुदान राशि पर व एक लाभार्थी को अधिकतम 0.4 हेक्टेयर का प्रावधान है। कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चैम्बर्स, प्रोसैसिंग यूनिट व रैफरिजरेटिड वैन के लिए 35 से 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि का प्रावधान है। बागवानी उपकरण जैसे छोटा ट्रेक्टर, पावर टिल्लर, स्प्रे पम्प व लाइट पम्प के लिए 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि का प्रावधान है इसी प्रकार प्यार स्टोरेज व मोबाइल वैडिंग कार्ट के लिए अधिकतम लागत का 50 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है। ऐसे में सरकार की ओर से दी जा रही अनुदान सुविधा का किसान लाभ उठाएं।
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