Tuesday 7 July 2020

कोरोना के इलाज या फंडिंग के नाम पर हो रही है धोखाधड़ी, पुलिस आयुक्त ने कहा : रहें सावधान


फरीदाबाद, 7 जुलाई (रैपको न्यूज़)। फरीदाबाद पुलिस ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों को कोविड-19 का मुफ्त इलाज या राशि देने का वादा करने वाली ‘फ़िशिंग‘ ई-मेल बारे आगाह किया है।
पुलिस आयुक्त श्री ओपी सिंह ने नागरिकों को सतर्क करते हुए कहा है कि वे ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करें क्योंकि ऐसा करने से यूजर्स धोखाधडी का शिकार हो सकते हैं।
नागरिकों को इस तरह के साइबर हमलों से सावधान रहने की सलाह देते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पुलिस आयुक्त फरीदाबाद), श्री ओम प्रकाश सिंह ने आज बताया कि कोरोनावायरस के प्रसार से साइबर हमलों में भी वृद्धि देखी गई है।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि फरीदाबाद पुलिस साइबर अटैक को लेकर लगातार लोगों को सावधान करती आ रही है।
उन्होंने बताया कि साइबर क्रिमिनलस द्वारा भोलेभाले लोगों और व्यवसायों को लक्षित करते हुए कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न स्थिति का फायदा उठाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।
साइबर क्रिमिनल्स यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने के लिए किसी भी सरकारी एवं गैर सरकारी अथॉरिटी का प्रतिरूपण कर सकते हैं जिन्हें कोविड-19 इलाज संबंधी सरकारी सहायता का काम सौंपा गया है।
श्री ओम प्रकाश सिंह ने धोखाधड़ी के तरीके बारे बताते हुए कहा कि साइबर हमलावर कोविड-19 या इससे मिलते-जुलते प्रमाणिक एजेंसी के पते का उपयोग कर कोविड-19 बारे फ़िशिंग ईमेल भेज सकते हैं।
इसके बाद ऐसे जालसाज सरकार द्वारा कोरोनावाइरस के अनिवार्य टैस्टिंग आदेशों के बारे में यूजर्स को सूचित कर जाली लिंक पर क्लिक द्वारा पंजीकरण करने के लिए कहते हैं।
जैसे ही यूजर्स क्लिक करता है, साइबर धोखेबाज नागरिकों का महत्वपूर्ण और व्यक्तिगत डेटा चोरी कर लेते हैं।
साइबर सुरक्षा के उपायों को जिक्र करते हुए श्री ओपी सिंह ने कहा कि यूजर्स को असत्यापित ईमेल अटैचमेंट को डाउनलोड करने तथा फर्जी लिंक विशेषकर स्वास्थ्य सूचना या कोविड-19 से संबंधित किसी भी लिंक पर जाने से बचना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, लोगों को किसी भी ऐसे संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए जो कोविड-19 इलाज की प्रतिपूर्ति का वादा करता है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 इलाज की सहायता के लिए भेजे गए फ़िशिंग मैसेज पर विश्वास न करें। सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधी वितीय सहायता के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह के कोई मैसेज नहीं भेजे जाते हैं।
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