Wednesday 22 July 2020

एम्बुलेंस ब्रिगेड ने मनाया पाई अनुमोदन दिवस


फरीदाबाद 22 जुलाई। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के निर्देशानुसार पाई अनुमोदन दिवस पर ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि गणित के प्रेमियों के लिए आज एक महत्वपूर्ण दिन है। आज ‘पाई अनुमोदन दिवस’  है।  को 22/7 द्वारा निरूपित किया जाता है, इसलिए ही 22 जुलाई को ‘पाई एप्रोक्सिमेशन डे’ के रूप में मनाया जाता है। पाई की 3.14 गणना को दर्शाते हुए, 14 मार्च को पाई दिवस के तौर पर मनाया जाता है, जबकि पाई के अन्य अनुमोदित मान को पाई एप्रोक्सिमेशन डे के साथ ही मनाया जाता है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि π एक अपरिमेय संख्या और एक गणितीय स्थिरांक है। एक वृत्त की परिधि और उसके व्यास के बीच के अनुपात को पाई कहते हैं। ज्यामिती में किसी वृत्त की परिधि की लंबाई और व्यास की लंबाई के अनुपात को पाई कहा जाता है। प्रत्येक वृत्त में यह अनुपात 3.141 होता है लेकिन दशमलव के बाद की पूरी संख्या का अब तक आंकलन नहीं किया जा सका है इसलिए इसे अनंत माना जाता है।आर्यभट्ट ने पाई के मान का लगाया था सटीक अनुमान आधुनिक युग में पाई का मान सबसे पहले 1706 में गणितज्ञ विलिया जोन्स ने सुझाया था। हालांकि भारत के सबसे पहले गणितज्ञ आर्यभट्ट ने 5वीं सदी में ही पाई के मान का सटीक अनुमान लगाया था। आर्यभट्ट ने गणित के श्लोकों में पाई के अनुमान का जिक्र मिलता है। आर्यभटीय, गणितपाद, श्लोक 10 में उन्होंने इसका जिक्र किया है। "चतुराधिकं शतमष्टगुणं द्वाषष्टिस्तथा सहस्राणाम्। अयुतद्वयस्य विष्कम्भस्यासन्नो वृत्तपरिणाहः" अर्थात 100 में चार जोड़ें, 8 से गुणा करें और फिर 62000 जोड़ें। इस नियम से 20000 परिधि के एक वृत्त का व्यास पता लगाया जा सकता है। (100 + 4) x 8 +62000/ 20000= 3.1416)  इसके अनुसार व्यास और परिधि का अनुपात 2πr/2r यानी 3.1416 है, जो पांच महत्वपूर्ण आंकड़ों तक बिलकुल सटीक है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा, प्राध्यापिका निशा, हेमा और सविता ने पाई अनुमोदन दिवस पर सुंदर पोस्टर बनाने के लिए मोनाली, खुशी और निशा को प्रथम, द्वितीय और तृतीय घोषित किया।
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