Friday 28 August 2020

जीआईए द्वारा इस्पात मंत्री को पत्र, कच्चे माल के मूल्य में अप्रत्याशित बढ़ोतरी पर चिंता, हस्तक्षेप की मांग



गुरुग्राम, 28 अगस्त (Repco News)। प्रमुख औद्योगिक संगठन गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने इस्पात मंत्री, भारत सरकार श्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखकर स्टील एंव एल्यूमिनियम के कच्चे माल के मूल्य में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण औद्योगिक इकाइयों की परेशानियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए इस संबंध में हस्तक्षेप की मांग की है।

पत्र में एसोसिएशन के प्रधान श्री जे एन मंगला ने कहा है कि लॉक डाउन के बाद उद्योग में विशेष रूप से लौह और गैर-लौह धातु के 10 से 25 प्रतिशत तक उपयोग किए जाने वाले सभी विभिन्न प्रकार के कच्चे माल में तेज वृद्धि हुई है। आयरन एचआर कॉइल के मामले में, स्टील उत्पादकों ने पहले ही लौह अयस्क जैसे बढ़ी हुई इनपुट लागत के बहाने आज तक अंतराल में 01.07.2020 से कीमतों में लगभग रु0. 7000/- प्रति टन वृद्धि की है, इसके अलावा कालाबाजारी भी होती है क्योंकि उत्पादकों द्वारा निर्यात को ज्यादा महत्व देने के कारण बाजार में सामग्री की कम आपूर्ति है। निर्माता स्थानीय की तुलना में विदेशी बाजार में आपूर्ति पसंद करते हैं जिससे मांग और आपूर्ति में भारी अंतर पैदा हो गया है, हालांकि मांग मध्यम स्तर पर है। मूल्यो में वृद्धि के बाद लोहे की कोल्ड रोल्ड शीट और कॉइल्स के लिए रीरोलर्स रूपये 10,000/- से रूपये 12,000/- की बढोत्तरी  के बाद रूपये 53,000/- प्रति टन आफर कर रहें हैं। जबकि लाॅकडाउन से पहले यह रूपये 42,000/- प्रति टन बिकता था।

पत्र में कहा गया है कि यह स्टेनलेस स्टील के कच्चे माल के लिए एक ही मामला है जिस पर बाजार में एक कम्पनी की पकड़ है। एल्युमीनियम इंगोट और सेक्शन की कीमतों में भी रुपये 20,000/- और प्लास्टिक कच्चे माल भी लॉकडाउन के बाद हर हफ्ते बढ़ती कीमतों में पीछे नहीं हैं।

एसोसिएशन विशेष रूप से धीमी अर्थव्यवस्था के समय प्रमुख उत्पादकों की इस प्रकार की प्रवृत्ति का कड़ा विरोध करता है जबकि देश का उद्योग दुनिया के समृद्ध बनने की कगार पर है। ऐसी स्थिति में हम अन्य पड़ोसी देशों से कैसे प्रतिस्पर्धा करेंगे जो निर्यातकों को बड़ी सब्सिडी भी दे रहे हैं।

श्री मंगला ने आग्रह किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और उचित मूल्य पर कच्चे माल की आपूर्ति सुचारू रूप से हो ऐसी पाॅलिसी बनाये कि पहले कच्चे माल की देश में आपूर्ती हो और उसके बाद ही निर्यात किया जाये ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे उद्योग भी पहचान बनाये और हमारे माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को सफल बनायें।

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