Monday 16 November 2020

उद्योगों को दिल्ली से बाहर करने या बंद करने की योजना 'वोकल फार लोकल' के विरुद्ध : कपिल चौपड़ा



दिल्ली 16 नवंबर (Repco News)। एक और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश को आत्मनिर्भर बनाने एवं विश्व में इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने हेतु वोकल फार लोकल का नारा दे रहे हैं तो दूसरी ओर दिल्ली सरकार एवं एमसीडी लघु एवं मध्यम उद्योगों को परेशान कर उन्हें दिल्ली से बाहर करने या बंद करने पर तुले नजर आते हैं।

अपेक्स चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज के संस्थापक प्रधान श्री कपिल चोपड़ा का कहना है कि उद्योग प्रबंधक पोलूशन के प्रति पूर्ण रूप से जागरूक हैं और कोई भी उद्योग प्रबंधक प्रदूषण फैलाने के हक में नहीं है परंतु सरकार प्रदूषण का कारण बताते हुए उद्योगों को दिल्ली से बाहर करने या बंद कराने पर आमादा है। कोरोना के कारण पहले से ही मार सहने वाले उद्योग अपनी पूर्व स्थिति से आए इसमें सबसे बड़ी बाधा एमसीडी व दिल्ली सरकार की नीतियां कही जा सकती हैं।

श्री कपिल चोपड़ा का कहना है कि आंकड़े बताते हैं कि प्रदूषण का कारण पराली का धुआ 42% एवं यातायात 18 से 39 प्रतिशत थर्मल से तीन से 11% सड़कों पर उड़ती धूल 18 से 78% कंस्ट्रक्शन से आठ से 18% जिम्मेवार हैं, जबकि उद्योग 2% से 29% प्रदूषण के लिए दोषी माने जा रहे हैं। आपने कहा है कि अधिक पोलूशन फैलाने वाले संस्थानों को प्रदूषण कम करने के लिए संयंत्र लगाने चाहिए, परंतु ऐसी इकाइयां जो मात्र 2 से 5 प्रतिशत प्रदूषण ही करती हैं को बंद कराने या भविष्य में नई इकाई रोकने जैसे आदेश उचित नहीं कहे जा सकते। इससे सरकार को राजस्व की हानि तो होगी ही साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ेगी।

 एक प्रश्न के उत्तर में श्री कपिल चोपड़ा ने कहा कि उद्योगों पर पहले से ही टैक्स की मार पड़ रही है। उत्पादन की लागत तीन से चार गुना बढ़ा दिया गया है, सॉलिड वेस्ट एवं पोल्यूटेड पानी के डिस्पोजल रेट बढ़ा दिए गए हैं। लाइसेंस फीस 30 से 40 गुना लगा दी गई है। न्यूनतम वेतन की बढ़ोतरी ने पहले से ही उद्योगों की कमर तोड़ रखी है कुल मिलाकर इन टैक्सों की मार से उत्पादन की लागत 10 से 30% तक बढ़ गई है ऐसे में लोकल से वोकल का नारा कितना सार्थक हो सकता है।

 आपने कहा है कि कोरोना के कारण उद्योगों की आर्थिक स्थिति पहले से ही ठीक नहीं है, उद्योग पूर्व की स्थिति में पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु ऐसी परेशानियों के कारण वह कैसे आगे बढ़ सकते हैं। सरकार उद्योगों को शहर से बाहर जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है के उत्तर में श्री कपिल चोपड़ा ने कहा है कि यह बीमारी के कारण कमजोर व्यक्ति को पैदल चलाने का प्रयास कहा जाएगा जो संभव नहीं है। पहले उद्योगों की स्थिति तो ठीक हो जाए फिर भी सोचा जा सकता है परंतु वर्तमान स्थिति काफी गंभीर है, ऐसे में तो उद्योग धंधे तबाह हो जाएंगे, यही कहा जा सकता है।

पोस्ट शेयर करें, कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें

Author:

0 comments: