फरीदाबाद, 23 दिसम्बर - Repco News/नरेश नरूला)। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद पत्रकारिता के क्षेत्र में रूचि एवं कार्य अनुभव रखने वालों के लिए पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा की शुरूआत करने जा रहा है। यह पाठ्यक्रम पत्रकारिता क्षेत्र में काम कर रहे ऐसे लोगों को अपनी शिक्षा पूरी करने का अवसर प्रदान करेगा जो किसी कारणवश औपचारिक शिक्षा हासिल करने से वंचित रह गये। इसके अलावा, यह पाठ्यक्रम पत्रकारिता में भविष्य बनाने वालों को भी एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।
इस आशय का निर्णय कुलपति प्रो. दिनेश कुमार द्वारा लिबरल आर्ट्स एंड मीडिया स्टडीज विभाग की एक बैठक में लिया गया। बैठक में डीन एवं विभागाध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा, विभाग के संकाय सदस्य तथा आमंत्रित वरिष्ठ पत्रकारों की उपस्थित थे। बैठक में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने पत्रकारों के साथ पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर परामर्श किया।
समाज के उत्थान में पत्रकारों की भूमिका एवं योगदान की सराहना करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि मीडिया बहुत तेज गति से विस्तार कर रहा है और डिजिटलीकरण के साथ मीडिया के नए माध्यम उभर रहे हैं। इसलिए, इस क्षेत्र में एक औपचारिक डिग्री समय की आवश्यकता है। कुलपति ने कहा कि पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा उन श्रमजीवी पत्रकारों एवं पेशेवर लोगों को एक अवसर देगा जो किन्ही कारणों से अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी नहीं कर सके। इस पाठ्यक्रम के साथ श्रमजीवी पत्रकार अपनी नौकरी को जारी रखते हुए डिप्लोमा प्राप्त कर सकते हैं तथा मीडिया स्टडीज विभाग के साथ जुड़कर शिक्षा और उद्योग के बीच कौशल अंतर को दूर करने में सहयोग दे सकते है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय लगभग 2 करोड रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो स्टूडियो स्थापित करने जा रहा है जो विद्यार्थियों को प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव के लिए सुविधा प्रदान करेगा। कुलपति ने विश्वविद्यालय की विस्तार योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का नया परिसर जोकि फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर गांव भकारी में विकसित किया जाना है, वास्तुकला का एक अनूपम उदाहरण होगा।
इससे पहले, डॉ. अतुल मिश्रा ने विभागीय गतिविधियों पर एक संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने कहा कि विभाग ने वर्ष 2016 में पत्रकारिता और जनसंचार में एमए पाठ्यक्रम की शुरूआत की थी और हाल ही में बीए (पत्रकारिता और जनसंचार) शुरू किया है। विभाग में एमए तथा बीए पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या क्रमशः 30 और 45 सीटें हैं।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल की सराहना की तथा पाठ्यक्रम को और अधिक व्यवहारिक बनाने के लिए अपने अमूल्य सुझाव साझा किए।
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