आईएमटी मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन यादव ने बताया कि सरकार ने यह कानून युवाओं को रोजगार देने के लिए बनाया है, सरकार की सोच सही रही होगी तभी उन्होंने यह कानून बनाया है, लेकिन हमारी राय इससे थोड़ी अलग है। हमारा मानना यह है कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार देने के लिए दो रास्ते हैं, पहला यहां पर और अधिक बड़े उद्योग लगाए जाए दूसरा हरियाणा के युवाओं का कौशल विकास किया जाए ताकि उनको स्वत: ही रोजगार मिल सके।
हरियाणा प्रदेश का युवा मजबूत है स्वाभिमानी है उसको आरक्षण की बैसाखी के सहारे रोजगार नहीं चाहिए और इसके दूरगामी परिणाम नकारात्मक भी हो सकते हैं जिन बड़े उद्योगों में जहां 10000 या ज्यादा के लोगों को रोजगार देने की क्षमता है इस तरह के कानून जिन प्रदेशों में लागू है वहां पर उद्योग लगाने से बचते हैं।
एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सतीश चंद ने बताया कि हरियाणा में सभी तरह के तकनीकी कौशल अभी उपलब्ध नहीं है और उद्योगों में किस को रोजगार देना है किस को रोजगार नहीं देना, कौन व्यक्ति किस नौकरी के लिए उपयुक्त है और कौन अनुपयुक्त है यह काम उद्योगपतियों पर छोड़ देना चाहिए सरकार को शायद इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।
श्री पवन यादव ने कहा कि हरियाणा में बड़े-बड़े उद्योगों को स्थापित करना चाहिए, जिससे हरियाणा के प्रत्येक युवा को रोजगार मिले 75% नहीं हरियाणा का 100% युवा रोजगार पा सके, उसके लिए हमें सरकार को बड़े उद्योगों को हरियाणा में कैसे लाया जाए। जो बड़े-बड़े उद्योग आज चेन्नई, बेंगलुरु या गुजरात आकर रुक रहे हैं हमें उनको हरियाणा लेकर आना है।
एसोसिएशन के महासचिव मनोज त्यागी आईएमटी इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन ने बताया कि इस कानून के विरुद्ध पहले भी एसोसिएशंस हाई कोर्ट गए थे, लेकिन कोर्ट ने कहा था कि अभी इसका गजट नोटिफिकेशन हो जाने दो उसके बाद हम इस पर सुनवाई करेंगे ।
कहीं ना कहीं उद्योग और एसोसिएशन को यह कानून नागवार गुजरा है। हरियाणा प्रदेश की औद्योगिक एसोसिएशन शायद इस कानून के खिलाफ फिर से कोर्ट जा सकते हैं क्योंकि उद्योगों और एसोसिएशन की नजर में यह कानून सही नहीं है इससे हरियाणा प्रदेश को लाभ नहीं होने वाला है।
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