Wednesday 1 May 2019

फरीदाबाद लोस : नाराजगियों के कारण भाजपा उम्मीदवार के समक्ष बढ़ रही है समस्याएं


फरीदाबाद। फरीदाबाद संसदीय सीट से चुनाव प्रचार अभियान में जुटे उम्मीदवारों को प्रचार अभियान में मिल रहीे समर्थन को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में चर्चाओं का माहौल बनना आम्भ हो गया है। इन चर्चाओं में हांलांकि अभी तक किस पार्टी या उम्मीदवार की लहर है यह साफ नहीं हो पा रहा है, परन्तु यह साफ है कि किस उम्मीदवार की राह कितनी कठिन है और किस उम्मीदवार को अभी और मेहनत करने की आवश्यकता है।
जहां तक प्रचार अभियान में भाजपा उम्मीवार के अब तक के प्रदर्शन का प्रश्र है, वे बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में अधिक सक्रीय दिखाई दे रहे हैं। इस संबंध में विधायिका श्रीमती सीमा त्रिखा के नेतृत्त्व में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें भाजपा उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं। इन आयोजनों को देखें तो साफ है कि भाजपा उम्मीदवार श्री कृष्ण पाल गूर्जर के समर्थन में माहौल है, परन्तु यह भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि अभी भी जनता उनसे नाराज है। इसक मुख्य कारण यह है कि बडख़ल विस क्षेत्र की राजनीति को जीवन मरण के साथ जोड़ा जाता रहा है, अर्थात यहां यह स्पष्ट है कि जो व्यक्ति समाज के दुख सुख में भागी बना रहता है, उठावनी, उठालोंं, चौथों में सक्रीय रहता है, उसके साथ जनता जुड़ती रहती है, यही कारण है कि श्रीमती सीमा त्रिखा के साथ तो नाराज नहीं हैं परन्तु श्री गूर्जर के संबंध में नाराजगी इस बात को लेकर है कि वे पिछले ५ वर्षों में जनता से कटे रहे। श्री गूर्जर के समर्थक हालांकि इसे व्यस्तता की वजह बता रहे हैं परन्तु आम जन जो यह उम्मीद रखती है कि उसके दुख दुख में जनप्रतिनिधि साथ रहे, अभी तक नाराज ही दिखाई दे रहा है।
सूत्रो के अनुसार यही स्थिति फरीदाबाद विधानसभा सीट की है, यहां से विधायक श्री विपुल गोयल तो सामाजिक आयोजनों में काफी सक्रीय रहे परन्तु हां भी श्री गूर्जर के प्रति नाराजगी इसीलिए बनी हुई है क्योंकि वे आम जनता के व्यक्तिगत सुख देख में अधिक मामलों में दिखे नहीं।
फरीदाबाद विस और बडख़ल विस में एक अन्तर यह भी है कि बडख़ल में सुश्री सीमा त्रिखा सक्रीय है और वे जनता में यह संदेश भी दे देती है कि उनकी उपस्थिति को ध्यान में रखकर ही श्री गूर्जर को समर्थन दिया जाए परन्तु फरीदाबाद विधानसभा में तो ऐसा भी नहीं है। श्री विपुल गोयल अभी तक इस रूप में श्री गूर्जर के समर्थन में नजर नहीं आ रहे।
उधर इसी विधानसभा क्षेत्र में एक नई समस्या उपमहापौर श्री मनमोहन गर्ग की भावी दावेदारी और श्री गूर्जर के वद्धहस्त उनके साथ होने की चर्चाओं के  कारण श्री गर्ग समर्थक तो सक्रीय है परन्तु श्री गोयल समर्थक कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार श्री गोयल अपने नजदीकियों को कह चुके हैं कि वे भाजपा  के  लिए जुट जाएं परन्तु जब उनके कार्यकर्ता राजनीति और पार्टीबाजी पर वाल पूछते हैं तो ये सवाल यक्ष प्रश्र बन जाते है, जिसका जवाब स्वयं श्री गोयल के नजदीकी भी अभी तलाश कर रहे हैं।
श्री गूर्जर की अन्य समस्या कई गांवों में बने माहौल को लेकर है, कहीं शमशान घाट की बात तो कहीं बिल्डरों की चर्चा भाजपा उम्मीदवार के लिए समस्याएं बढ़ा रही कही जा सकती है। हालांकि श्री गूर्जर समर्थको का कहना है कि इन मुद्दों का लोकसभा चुनावों पर प्रभाव नही पड़ेगा परन्तु राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगो का मानना है कि नाराजगियों को यदि दूर न किया गया तो और समस्याएं बढऩा स्वाभाविक है।
आने वाले समय में श्री गूर्जर इन नाराजगियो को कितनी जल्दी दूर कर लेते है, यह तो समय ही बताएगा परन्तु यह तय है कि इन्हे दूर कर ही डगर आसान बन पाएगी।
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