Saturday 11 May 2019

मतदान के लिये सभी तैयार, भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह, भड़ाना व गुर्जर आमने-सामने


फरीदाबाद। लोकतंत्र के सबसे बडे त्योहार के लिये सभी लोगों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कल रविवार १२ मई को मतदान होंगे, जिसके लिये जहां प्रशासन लामबद्ध दिखाई दे रहा है वहीं राजनीतिक दल व उसके कार्यकर्ता भी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। बूथों को संभालने की ड्यूटियां लग चुकी हैं, शेष प्रबंध जारी हैं और मतदाता भी अंदरखाते अपना मूड बना चुका कहा जा सकता है कि उसने आने वाले संसदीय चुनावों में किसे सफल बनाना है।
जहां तक फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र का प्रश्र है यहां सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हैं। कांग्रेस की टिकट पर जहां श्री अवतार सिंह भड़ाना चुनाव मैदान में हैं वहीं भाजपा ने पुन: श्री कृष्णपाल गुर्जर को टिकट दी है। फरीदाबाद जोकि राजधानी दिल्ली से सटा हुआ जिला है, लिहाजा दिल्ली की राजनीतिक गतिविधियों का प्रभाव यहां पडऩा स्वाभाविक है, ऐसे में कांग्रेस व भाजपा दोनों दल प्रत्यक्ष रूप से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव में खड़े हैं। आम आदमी पार्टी ने नवीन जयहिंद को मैदान में उतारा है तो बसपा की ओर से श्री मनधीर मान चुनावी अखाड़े में अपने दम-खम को आजमा रहे हैं।
फरीदाबाद के इतिहास को यदि देखा जाए तो साफ है कि यहां मुख्य रूप से मुकाबला कांग्रेस व भाजपा का ही रहा है। गुर्जर, जाट, पंजाबी, ब्राह्मण, राजपूत, सैनी, मेव, बाल्मीकी और अन्य बिरादरियों व समाज ने चुनावों में अपना समर्थन अलग-अलग दलों को दिया। इस बार सबसे रोचक तथ्य यह है कि भाजपा व कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार गुर्जर समुदाय से संबंधित हैं। यही नहीं दोनों में समानता यह है कि दोनों इससे पहले जनता का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दोनों को राजनीति का अच्छा अनुभव है। संभवतय: यही कारण है कि चुनाव के लिये जनसम्पर्क अभियान से लेकर मतदान की प्रक्रिया तक दोनों उम्मीदवारों के समक्ष अधिक परेशानियां नहीं आई।
चुनावों में नाराजगियां, दल बदल, समर्थन, व्यक्तव्य एक आम प्रक्रिया है। आरोप लगते हैं, गढ़े मुर्दे उखड़ते हैं, प्रचार को गति देने के लिये कई वायदे किये जाते हैं परंतु फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र में इस बार के चुनावों की विशेषता यह है कि इस बार मतदाता मौन है। पिछले चुनावों में जो लहर देखी जाती थी वह इस बार दिख नहीं रही। भाजपा जहां मैं हूं चौकीदार के नारे के साथ विकास को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रही है, वहीं कांग्रेस जनता में यह संदेश देने का प्रयास कर रही है कि जो विकास हुआ वह उसी के कार्यकाल की देन थी। भाजपा ने सिफ उद्घाटन ही किये।
जहां तक राजनीतिक प्रभाव व अनुभव का प्रश्र है भाजपा उम्मीदवार श्री कृष्णपाल गुर्जर ने काफी छोटे स्तर से लेकर सांसद तक का सफर तय किया है। पार्षद के रूप में जनता से जुड़े श्री गुर्जर केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और उनके पुत्र भी उसी राह पर हैं तथा फरीदाबाद नगर निगम में वरिष्ठ उपमहापौर के रूप में जनसेवा का बीड़ा उठाए हुए हैं। भाजपा उम्मीदवार को प्रचार में स्थानीय विधायकों का समर्थन मिला और जो नाराज हैं वह बाहर रहे अर्थात उन्होंने खिलाफत में कार्य नहीं किया।
कांग्रेस उम्मीदवार श्री अवतार भड़ाना की राजनीतिक महारत किसी से छिपी नहीं है। चौकीदार के मुद्दे पर श्री भड़ाना स्वयं कह चुके हैं कि असली चौकीदार वे हैं जिन्होंने फरीदाबाद की जनता के हित में सदैव आवाज उठाई। श्री भड़ाना की एक विशेषता यह भी है कि उन्होंने फरीदाबाद ही नहीं बाहर जाकर भी जो चुनाव लड़ा उसमें उन्हें सफलता मिली। कांग्रेस से जुड़े नेता व कार्यकर्ता श्री भड़ाना के चुनाव को ईमानदारी से लड़ते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि वे इस बात से भलि भांति अवगत हैं कि इन चुनावों से निकल कर ही विधानसभा के रास्ते पार्टी को चंडीगढ़ पहुंचाया जा सकता है।
बहरहाल रविवार को जनता ईवीएम में किस उम्मीदवार के पक्ष में अपना समर्थन देती है यह तो भविष्य ही बताएगा परंतु यह साफ है कि फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र का चुनाव वास्तव में सभी ३६ बिरादरियों के समर्थन का चुनाव है और जिसे यह समर्थन मिल गया वह ही फरीदाबाद को भविष्य में प्रतिनिधित्व करेगा।
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