फरीदाबाद। यहां पंजाबी सेवा दल द्वारा सिक्ख जनरैल स. जस्सा सिंह रामगढिया का जन्म दिवस श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पंजाबी सेवा दल सहित सिक्ख वर्ग के प्रमुख लोगों सहित समाजसेवी वर्ग की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम में जहां स. जस्सा सिंह रामगढिया को श्रद्धासुमन भेंट किए गए वहीं उनके जन्म दिवस पर मौजूद संगत ने सिक्ख ईतिहास के इस महान योद्धा की उपलब्ध्यिों को याद करते हुए बताया कि जनरैल जस्सा सिंह रामगढिया ने यह सिद्ध कर दिखाया कि सिक्ख स्वार्थ व दवाब में न झुकते हैं और न ही कुबर्नानियों से डरते हैं।
कार्यक्रम में पार्षद जसवन्त सिंह व शिरोमणि अकाली दल युवा के प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राणा ने सिक्ख जनरैलों व जस्सा सिंह रामगढिया की बहादुरी का विस्तारपूर्वक जिक्र करते हुए बताया कि सिक्ख जनरैल दिल्ली विजय के बाद औरंगजेब के सिहांसन को दिल्ली से उखाड़कर अमृतसर ले गए, जो इस बात का सन्देश था कि जुल्म व आतंक को किसी भी सूरत में सिक्ख स्वीकार नहीं करेंगे। गुरूद्धारा श्री शीशगंज से संबंधित जानकारी देते हुए श्री राणा ने बताया कि जब तत्कालीन शासक शाह आलम ने अपी जान बख्शने के लिए लाखों रूपए की राशि देनी चाही तो सिक्ख जनरैल ने धन न लेकर इस बात का परिचय दिया कि सिक्ख स्वार्थी या लालची नहीं हैं बल्कि उनका ध्येय जुल्म व आतंक को समाप्त करना व जनता को एक भयमुक्त शासन देना है।
स0 अमरजीत सिंह आहूजा, बहादुरसिंह सभ्रवाल, मंजीत सिंह चावला ने इस अवसर पर देश व मानवता के हित में सिक्खों से एकजुट होने होने का आहवान किया।
कार्यक्रम में सर्वश्री अमरजीत सिंह आहूजा, बहादुर सिंह सभ्रवाल, मंजीत सिंह चावला, जसवन्त सिंह, परमजीत सिंह, कंवलजीत सिंह, सुखवन्त सिंह बिल्ला, चारणजीत सिंह काला, दलजीत सिंह, गुरदेव सिंह, मंजीत सिंह कलसी, सुरेन्द्र सिंह, गुरमीत सिंह, पदम भड़ाना, स0 राणा व एडवोकेट नरिन्द्र सिंह की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
कार्यक्रम में पार्षद जसवन्त सिंह व शिरोमणि अकाली दल युवा के प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राणा ने सिक्ख जनरैलों व जस्सा सिंह रामगढिया की बहादुरी का विस्तारपूर्वक जिक्र करते हुए बताया कि सिक्ख जनरैल दिल्ली विजय के बाद औरंगजेब के सिहांसन को दिल्ली से उखाड़कर अमृतसर ले गए, जो इस बात का सन्देश था कि जुल्म व आतंक को किसी भी सूरत में सिक्ख स्वीकार नहीं करेंगे। गुरूद्धारा श्री शीशगंज से संबंधित जानकारी देते हुए श्री राणा ने बताया कि जब तत्कालीन शासक शाह आलम ने अपी जान बख्शने के लिए लाखों रूपए की राशि देनी चाही तो सिक्ख जनरैल ने धन न लेकर इस बात का परिचय दिया कि सिक्ख स्वार्थी या लालची नहीं हैं बल्कि उनका ध्येय जुल्म व आतंक को समाप्त करना व जनता को एक भयमुक्त शासन देना है।
स0 अमरजीत सिंह आहूजा, बहादुरसिंह सभ्रवाल, मंजीत सिंह चावला ने इस अवसर पर देश व मानवता के हित में सिक्खों से एकजुट होने होने का आहवान किया।
कार्यक्रम में सर्वश्री अमरजीत सिंह आहूजा, बहादुर सिंह सभ्रवाल, मंजीत सिंह चावला, जसवन्त सिंह, परमजीत सिंह, कंवलजीत सिंह, सुखवन्त सिंह बिल्ला, चारणजीत सिंह काला, दलजीत सिंह, गुरदेव सिंह, मंजीत सिंह कलसी, सुरेन्द्र सिंह, गुरमीत सिंह, पदम भड़ाना, स0 राणा व एडवोकेट नरिन्द्र सिंह की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
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