Tuesday 14 April 2020

बंद उद्योगों को औसत से अधिक बिल भेजने की शिकायत, एम ए एफ ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र


फरीदाबाद। मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव श्री रमणीक प्रभाकर ने कोरोनावायरस के कारण  देशभर में चल रहे लॉक डाउन के कारण कारोबार बंद होने वहां इस कारण एमएसएमई सेक्टर की आर्थिक स्थिति की ओर ध्यान देने की मांग केंद्र सरकार से की है।
श्री प्रभाकर के अनुसार उद्योगों द्वारा इस जटिल समय में किस प्रकार योगदान दिया जा रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उद्योगों द्वारा अपने स्तर पर आर्थिक सहयोग के साथ-साथ सीएसआर के तहत योगदान जारी है और सरकार के आदेश अनुसार मजदूरों को भी वेतन अदा किया  गया है। श्री प्रभाकर ने बताया कि विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा सरकार से राहत की अपील निरंतर की जा रही है और सरकार द्वारा भी कई घोषणाएं की गई हैं ।
श्री रमणीक प्रभाकर के अनुसार यह उम्मीद की जा रही थी कि उद्योगों को सरकार की घोषणाओं के अनुरूप राहत मिलेगी परंतु वर्तमान में स्थिति इसके विपरीत है। आपने बताया कि बिजली के बिल आने शुरू हो गए जिसमे कोई राहत नही है और न ही बैंको की ओर से कोई राहत दी गई है । लॉक डाउन खुलने के पश्चात भी अभी इंडस्ट्री को रनिंग में आने में कम से कम 6 महीने लग जाएंगे । जो श्रमिक पलायन कर गए है, उन्हें वापस लौटने में भी समय लगेगा जिससे मैन्युफैक्चरिंग की साईकिल बहुत ही धीमी गति से बढ़ेगी ।
श्री प्रभाकर के अनुसार लॉक डाउन की अवधि में हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से बिना मीटर रीडिंग लिए पिछली औसत की रीडिंग से बिल भेजना शुरू कर दिए है । एक तरफ जहाँ उद्योग पूरी तरह से बंद पड़े है औसत से भी दुगने बिल देखकर उपभोक्ता परेशान है। पहले ही काम धंधे ठप्प है ऐसे में  औसत से दुगने बिलो के कारण उद्यमियों की समस्याएं बढ़ रहे हैं। नहीं नहीं वही उपभोक्ताओं के लिंक मोबाइल नंबर पर हरियाणा बिजली वितरण निगम से बार बार एस एम एस आ रहे है भुगतान करे पेनलिटी से बचने के लिए । श्री प्रभाकर ने इस संबंध में स्थिति को स्पष्ट करने, भेजे गए बिजली बिलों को एक ही आदेश द्वारा निरस्त करने और तीन माह अप्रैल , मई , जून के बिलो को आगे के नौ महीनो में वितरित करने का आग्रह किया है।
मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के पूर्व प्रधान श्री नरेश वर्मा के अनुसार अप्रैल, 2020 में देय बिलों के भुगतान में कोरोना -19 के कारण लॉकडाउन के कारण कोई राहत नही दी गई है। मार्च के महीने में हम कस्टमर्स को  मैटेरियल्स की पूर्ति नही पाए और  अब हम अपने ग्राहकों से भुगतान की स्थिति के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं।
इस संबंध में उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि अप्रैल, मई और जून के  बिजली के बिलों को   जुलाई 2020 से 9 महीने की अवधि में बराबर से  बाँट दिया जाए । एमएस ने विश्वास व्यक्त किया है कि प्रदेश सरकार व बिजली निगम इस संबंध में उद्योग हित में निर्णय लेगा और इससे सभी उद्योगों को राहत मिलेगी।
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