Thursday 9 April 2020

लॉक डाउन की तर्ज पर उद्योगों के लिए भी चुनौतियों से पूर्व ही प्रभावी पग उठाए सरकार : पीके जैन


गुरुग्राम। पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज के पूर्व प्रधान एवं गुडगांव चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संस्थापक प्रधान श्री पीके जैन ने देश में कोरोनावायरस के कारण चल रही लॉक डाउन पर निकट भविष्य में प्रधानमंत्री व राज्य सरकारों द्वारा लिए जाने वाले फैसलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि इस संबंध में केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जो भी निर्णय लेंगे वह वास्तव में सभी उधोग प्रबंधकों व वर्गों द्वारा कार्य अमल में लाए जाएंगे क्योंकि यह आम राय है कि लॉक डाउन पर श्री मोदी ने समय पर जो निर्णय लिया वह वास्तव में देश के लिए एक ऐसी दवा सिद्ध हुई, जो कड़वी अवश्य थी परंतु उनके जीवन के लिए जरूरी है।
श्री जैन के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि सरकार लॉक डाउन समाप्ति उपरांत पड़ने वाले प्रभावों का भी आकलन करें और अभी से ऐसे उठाए जाएं जिससे उद्योग जगत को आने वाले समय में राहत व प्रोत्साहन मिल सके।
 श्री जैन के अनुसार जिस प्रकार कोरोनावायरस के आगमन मात्र की आशंका के चलते लॉक डाउन जैसा कदम उठाया गया, वैसे ही यह आवश्यक है कि उद्योगों के लिए भी ऐसे ही पूर्व प्रबंध किए गए, ताकि उद्योग जगत के समक्ष आने वाला समय भी साकारात्मक माहौल वाला रहे।
श्री जैन के अनुसार लॉक डाउन का समय और कितना बढ़ता है, यह तो यह निश्चित रूप से भविष्य के गर्भ में है, परंतु यह बात साफ है कि आम जनता व सभी वर्ग समझ चुके हैं कि यदि लॉक डाउन ना होता तो हमारी स्थिति शायद अमेरिका और इटली से भी अधिक भयावह होती क्योंकि हमारे यहां संसाधन इतने विकसित नहीं जितने अमेरिका व इटली में माने जाते हैं।
 श्री जैन के अनुसार लॉक डाउन समाप्ति उपरांत तुरंत ही हालात बिल्कुल सामान्य हो जाएंगे, ऐसा सोचना गलत होगा ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि अभी से ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे लॉक डाउन उपरांत आरंभ होने वाली जीवनशैली को पटरी पर लाया जा सके तथा उद्योग व्यापार को राहत प्रदान की जा सके।
 श्री जैन ने इस संबंध में उद्योगों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने, मुद्रा प्रवाह को बढ़ाने तथा ऐसी कार्यनीति अमल में लाने का आग्रह किया है जिससे ना केवल उत्पादन बल्कि इसकी आपूर्ति को भी गति मिल सके।
श्री जैन के अनुसार यह निर्विवाद सत्य हैं कि लॉक डाउन उपरांत अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर आने के लिए एक लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा और काफी समय लग जाएगा, ऐसे में यदि सरकार अभी से ठोस व प्रभावी पग उठाती है तो इससे निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
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