Sunday 17 May 2020

आईएमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज की सराहना, एमएसएमई सेक्टर को मिलेगा प्रोत्साहन


फरीदाबाद 17 मई (नरेंद्र रजनीकर)। एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार के नवनियुक्त सचिव श्री ए के शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया है कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज कोरोनावायरस के कारण चुनौतियों के दौर से निकल रही अर्थव्यवस्था के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा और इससे निश्चित रूप से एमएसएमई सेक्टर को लाभ मिलेगा।
 यहां प्रमुख औद्योगिक संगठन आई एम एस एम ऑफ इंडिया के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में श्री शर्मा ने कहा कि आर्थिक पैकेज का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई सेक्टर को वर्तमान संकट के दौर से उबारना है और विश्वास व्यक्त किया जा सकता है कि कोरोना वायरस के कारण चल रहे लाक डाउन से उद्योगों को जो आर्थिक समस्याएं आई हैं, उनका समाधान किया जा सकेगा।
वीडियो कांफ्रेंस में आई एम एसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर के लिए की गई घोषणाओं का स्वागत करते हुए कहा कि आर्थिक पैकेज में एमएसएमई क्षेत्र के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उनके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ठोस योजना तैयार की जाए।
 श्री चावला ने लोन में 20% की बढ़ोतरी व इस हेतु तीन लाख करोड़ का प्रावधान किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि 4 वर्ष के लिए बिना कोलैक्ट्रल सिक्योरिटी के लोन और 1 वर्ष के लिए मोराटोरियम निश्चित रूप से स्वागत योग्य है, जिससे उद्योगों को लाभ मिलेगा।
श्री चावला ने एनपीए यूनिट व तनाव के दौर से गुजर रहे उद्योगों को विशेष सबोर्डिनेट डेट प्रदान करने की योजना का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐसे समय में उद्योगों के लिए कारगर होगा, जबकि उद्योग कड़ी आर्थिक समस्याओं के दौर से गुजर रहे हैं।
आर्थिक पैकेज में 50000 करोड रुपए हाइपोटेंशियल एमएसएमई व स्टार्टअप इकाइयों के लिए घोषित करने का स्वागत करते हुए श्री चावला ने कहा कि प्रधानमंत्री के लोकल-वोकल सिद्धांत को यह फंड निश्चित रूप से सुदृढ़ता प्रदान करेगा, ऐसा कहा जा सकता है।
इसके साथ-साथ एमएसएमई की परिभाषा में परिवर्तन करने, 200 करोड रुपए तक के टेंडर को ग्लोबल टेंडर की श्रेणी में न लाने, सभी सरकारी कंपनियों द्वारा एमएसएमई का भुगतान 45 दिन के भीतर करने की घोषणा को भी आईएमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा उद्योग हित में करार देते हुए कहा गया कि आवश्यकता इस बात की है कि इन योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाए ताकि इनका क्रियान्वयन प्रभावी रूप से हो सके।
 श्री चावला ने इसके साथ साथ एमएसएमई की परिभाषा को और रिवाईज करने तथा इसकी सीमा को बढ़ाने, ब्याज मुक्ति संबंधी योजनाओं को आरंभ करने, सीएलसीएसएस योजना को बढ़ावा देने, लीन मैन्युफैक्चरिंग योजना को पुनः आरंभ करने, फोरक्लोजर या प्रीपेमेंट चार्जेस को पूर्ण रूप से समाप्त करने की भी मांग करते हुए कहा इससे एमएसएमई सेक्टर को राहत मिलेगी।
वीडियो कांफ्रेंस में आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में एमएसएमई सेक्टर से जुड़े उद्यमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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