Friday 29 May 2020

कोरोना के प्रभावों से निपटने के लिए धैर्य, संयम, विश्वास और साकारात्मक सोच जरूरी :तनेजा


फरीदाबाद 29 मई। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सेमिनार पैनल के चेयरमैन श्री एस के तनेजा ने देश में कोरोना के बढ़ रहे मामलों पर जहां चिंता व्यक्त की है, वहीं श्री तनेजा का मानना है कि आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने भीतर सकारात्मकता को बनाए रखें, ताकि कोरोना विरुद्ध मुहिम में मानवता की जीत को सुनिश्चित किया जा सके।
श्री तनेजा के अनुसार वर्तमान में जबकि कोरोना संक्रमण के मरीज बढ़ रहे हैं, ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि हम मानसिक रूप से स्वयं को इस बात के लिए तैयार करें कि कोरोना संक्रमण के बाद हमने अपनी जीवनशैली को किस प्रारूप में तैयार करना है।
श्री तनेजा ने 'कबलर रोज मॉडल' की फिलॉस्फी का जिक्र करते हुए कहा है कि मानवीय मानसिकता है कि हम सबसे पहले किसी भी चीज के लिए इंकार करते हैं और फिर उस पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए बारगेनिंग की श्रेणी में आ जाती हैं इसके बाद डिप्रेशन की स्टेज आती है और अंततः हम उस चीज को स्वीकार कर लेते हैं।
श्री तनेजा के अनुसार कोरोना को लेकर भी यही स्थितियां हमारे सामने आई हैं। जब विश्व में कोरोना फैल रहा था तो हमने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि यह हमारे तक नहीं पहुंचेगा। दूसरी स्टेज में जब कोरोना के कारण लाक डाउन हुआ तो हमारे बीच अपनी आय तथा सामान्य जीवन से दूर रहने के कारण गुस्सा व क्रोध आना स्वाभाविक प्रक्रिया थी।
तीसरी श्रेणी में हमें लाक डाउन और आय के बीच में से एक को चुनना था परंतु जब इसके बावजूद हम सामान्य स्थिति को प्राप्त नहीं कर पाए तो तनाव व डिप्रेशन का आना स्वभाविक रहा।
श्री तनेजा के अनुसार पांचवी और अंतिम स्थिति में हम आज स्वीकार करने लगे हैं कि हमें कोरोना के साथ ही रहना है और ऐसे में हम सामान्य जिंदगी के लिए सोच विचार करने लगे हैं।
श्री तनेजा का मानना है कि आने वाले समय में हमें अपने भीतर धैर्य, संयम और सकारात्मकता को लाना होगा क्योंकि कोरोना संबंधी महामारी निकट भविष्य में ही समाप्त नहीं होगी, बल्कि इससे मानवता को एक लंबी लड़ाई लड़नी होगी जिसके लिए हमें स्वयं को और अपने समाज को तैयार करना होगा।
श्री तनेजा के अनुसार कोरोना के कारण आने वाले प्रभाव केवल लाक डाउन तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्कि इसके बाद भी हमें पग-पग पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, ऐसे में धैर्य, संयम, विश्वास और सकारात्मक सोच ही हमारे लिए नया मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
 श्री तनेजा ने इस संबंध में युवा वर्ग से भी आह्वान किया है कि वह कोरोना के कारण वर्तमान और आने वाले समय के लिए स्वयं को तैयार करें और अपने आसपास ऐसा माहौल बनाए जिससे सकारात्मकता की भावना बढ़ सके।
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