Wednesday 6 May 2020

कोलकाता में फंसे हिमाचली परिवार की उम्मीदें बढ़ी पर धन अभाव आड़े आया, सरकार से मदद की दरकार


गुरुग्राम। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लाक डाउन के कारण हिमाचल के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के परोईंया निवासी पवन कुमार के परिवार के 18 सदस्यों को केद्र सरकार के नए आदेशों के बाद वापस हिमाचल जाने की उम्मीद तो बंधी है, परंतु साधन ना होने के कारण यह परिवार अभी भी एक ही कमरे में रहने को विवश है, ऊपर से चिंता की बात यह है कि उनके घर पर बुजुर्ग है, जिनके स्वास्थ्य की चिंता को लेकर यह लोग परेशान हैं।
 पवन कुमार अपने पुत्र की शादी के लिए 1800 किलोमीटर दूर बंगाल कोलकाता गए। बेटे सुनील कुमार की शादी के लिए 17 सदस्यों के साथ पहुंचे पवन कुमार का परिवार खुशी-खुशी शादी से प्रसन्न था, परंतु जब डोली ने विदा लेनी थी तो लाक डाउन की घोषणा हो गई, परिणाम यह रहा कि पूरा परिवार बहू सहित कोलकाता में ही फंस गया।
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के संज्ञान में यह मामला सामने आया जिस पर राष्ट्रीय महासचिव श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर ने इस परिवार से संपर्क किया।
 श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल महिला कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सुब्रता दत्ता से संपर्क किया। श्रीमती दत्ता ने बिना समय गवाएं तुरंत पवन कुमार के परिजनों से संपर्क किया और उन्हें ढांढस बंधाया कि लाक डाउन समाप्त होते ही पवन कुमार और उनकी नवविवाहिता बहू के साथ परिजनों को वापस हिमाचल भेज दिया जाएगा। पवन कुमार के परिवार को राशन सामग्री भी उपलब्ध भी कराई गई।
श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर ने अपने प्रयासों को विराम नहीं दिया और समाजसेवी वर्ग तथा राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क स्थापित किया। श्री पराशर ने ऊना के कांग्रेस नेता श्री विवेक शर्मा, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस महासचिव हरि किशन हिमराल, कांग्रेस नेता महेंद्र जोशी, कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री, गुरकीरत सिंह कोटली, समाजसेवी सुजीत शा, निवर्तमान सांसद दीपेंद्र हुड्डा, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नेत्री सुब्रता दत्ता रासु दी से वार्ता की और हिमाचल वापसी के प्रयास जारी रखे गए।
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद विभिन्न प्रदेशों ने अपने फंसे हुए लोगों को वापस बुलाने की प्रक्रिया आरंभ की है, जिससे परिवार के 18 लोगों को भी उम्मीद बंधी है कि भी जल्दी ही हिमाचल पहुंच जाएंगे। परंतु समस्या यह है कि इस परिवार के पास अब इतना धन नहीं है कि वह अपनी निजी गाड़ी लेकर हिमाचल जा सके।
 श्री पुरुषोत्तम शर्मा पराशर ने इस संबंध में हिमाचल व कलकत्ता के प्रशासनिक अधिकारियों व राजनेताओं से आग्रह किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें ताकि परिवार वापस हिमाचल पहुंच सके।
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