Friday 8 May 2020

थैलासीमिया के प्रति जागरूकता लाने व रक्त उपलब्धता के संकल्प को पूरा करने में सफल रहा फाउंडेशन अगेंस्ट थैलासीमिया


(फाइल फोटो जिला उपायुक्त श्री यशपाल यादव के साथ श्री रविंद्र डूडेजा और श्री हरीश रतड़ा)
फरीदाबाद(नरेंद्र रजनीकर)। फाउंडेशन अगेंस्ट थेलासीमिया के संस्थापक महासचिव श्री रविन्द्र डूडेजा ने थैलासीमिया इंटरनेशनल डे पर थैलासीमिया पीड़ित बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए फाउंडेशन के उस संकल्प को दोहराया है जिसके तहत फाउंडेशन ने थैलासीमिया के संबंध में लोगों में जागरूकता लाने का प्रण लिया गया है।
श्री डूडेजा के अनुसार इंटरनेशनल थैलेसीमिया डे बड़ी ही धूमधाम से विश्वभर में मनाया जाता है, परन्तु यह पहला अवसर होगा कि सब बच्चे अपने अपने घरो मे होंगे।  थैलासीमिया दिवस इस लिए मनाया जाता है कि समाज को बताया जा जाये की इस घातक बीमारी से बचाव तो संभव है परन्तु इस बीमारी के साथ लड़ना बहुत ही मुश्किल है।  बार बार रक्त चढ़ाना व् साथ में काफी महंगी दवाइया देना जो अपने आप में एक बहुत ही मुश्किल काम है।
आपने बताया कि विश्व में हर वर्ष करीब सवा लाख बच्चे इस नामुराद बिमारी के साथ जन्म लेते है जिसमे से करीब दस प्रतिशत बच्चे भारतवर्ष में ही जन्म लेते है। यानि बारह से पंद्रह हज़ार बच्चे। जो की बढ़ते ही जा रहे है।  आने वाले समय में यह स्थिति एक विकराल रूप लेने वाली है।  जिसके लिए सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने होंगे जिस प्रकार हर किसी का थैलासीमिया करियर का टेस्ट जरूरी होना।
श्री डूडेजा का सुझाव है कि  बिना टेस्ट के शादी का पंजीकरण न हो , उच्च शिक्षा में दाखिला, पासपोर्ट का बनाना , आधार कार्ड का बनाया जाना, किसी भी प्रकार की सरकारी सेवा लाभ लाभ तभी मिले जब यह टेस्ट हो जाये।
फाउंडेशन अगेंस्ट थेलासीमिया के संबंध में जानकारी देते हुए श्री डूडेजा ने बताया कि संस्था वर्ष 1995 से इन बच्चो के लिए समर्पित हो कर काम कर रही है।
आपने उस समय को याद करते हुए बताया कि उस समय हालत ये थे कि एक यूनिट रक्त के लिए दिल्ली तीन तीन दिन तक धक्के खाने पड़ते थे परन्तु संस्था ने रक्तदान के लिए अथक प्रयास किया जिसका फल मिला कि अब बच्चो को सिर्फ एक फ़ोन कॉल पर ही रक्त मिल जाता है जिसके लिए दिवंगत राष्ट्रपति डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी, दिवंगत प्रधान मंत्री श्री राजीव गाँधी जी,  श्री कपिल देव, श्री नरेंदर चंचल जी, डॉक्टर हर्षवर्धन स्वस्थ मंत्री भारत सरकार,  श्री विजय रुपानी मुख्य मंत्री गुजरात,  श्री अलोक मित्तल आई. जी. [एन. आई. ऐ. ]  , श्री यशपाल यादव [डी. सी. फरीदाबाद], श्रीमती शोभा तुली, श्री के. सी. लखानी., श्री  सतीश गोसाईं, श्री एच. के. बतरा, श्री लोकेश सचदेवा, श्री शंकर भुटानी,  श्री बसत भाटिया जी, श्री मुकेश अग्रवाल, कमलजीत मदान, श्री दीपक भसीन, देश की बहुत साडी समाजिक धार्मिक संस्था, सभी ब्लड बैंक्स, डॉक्टर अमिता महाजन, डॉक्टर वी. के. खन्ना, डॉक्टर वी. पी. चौधरी, डॉक्टर एन. के. पांडेय, डॉक्टर एस. एस. बंसल, डॉक्टर राजन कालरा, डॉक्टर राकेश गुप्ता, डॉक्टर अंजू गुप्ता, डॉक्टर मनोज, डॉक्टर प्रशांत गुप्ता, डॉक्टर कृष्ण त्यागी,  सुभाष चौधरी, व्  रोटरी क्लब्स का बहुत बड़ा सहयोग रहा है।
उल्लेखनीय है फाउंडेशन ने थैलासीमिया के प्रति जनता को जागरूक करने के साथ-साथ थैलासीमिया के बच्चों को रक्त उपलब्ध कराने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है और इसे फाउंडेशन की उपलब्धि ही कहा जाएगा कि आज कोरोनावायरस के कारण देश भर में घोषित लोक डाउन के बावजूद फरीदाबाद में रक्त की किसी प्रकार की कमी नहीं है। संस्था आज न केवल फरीदाबाद के बच्चो की सहायता कर रही है अपितु दिल्ली नॉएडा, गुरुग्राम, मथुरा, पलवल,  पानीपत, सोनीपत, हिसार में भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से थैलासीमिया बच्चों की सहायतार्थ कार्यरत है।
पुरानी यादों को याद करते हुए श्री डूडेजा ने बताया कि संस्था का एक कठिन सफर मगर सुखदायी सफर रहा जब संस्था की शुरुआत हुई तो उस समय बच्चो की आयु १२-१५ साल तक ही सीमित थी, बच्चे को माँ बाप एक बोझ समजते थे उनकी सोच थी बच्चे का कोई पिछले जन्म का कर्ज़ा देना है उसकी सेवा करो,  परन्तु उनकी सोच को संस्था ने बदल दिया। आज थैलासीमिया ग्रस्त बच्चे सुखी जीवन जी रहे है बच्चे अपना काम कर रहे है बच्चे आज डॉक्टर, प्रोफसेर,  सी. ए., इंजिनयर,  एम् बी ए कर नौकरी कर रहे है अपना व्यापर कर रहे है।  यह तक की बच्चो की शादिया हो रही है उनके यह स्वस्थ बच्चे पैदा हो रहे है जो फाउंडेशन की स्थापना करने वाले लोगों का एक सपना था।
 संस्था के सदस्य श्री हरीश रतरा, भगवान् दास बत्रा, नीरज कुकरेजा, रविंदर डुडेजा, जॉन सैम, नारायण शाह सिंह निक्का, अमरजीत सिंह अरोड़ा, जे. के. भाटिया, पंकज चौधरी, परवीन चौधरी, कमलेश डुडेजा, बलबीर बवेजा, अजय अग्रवाल, भगवत प्रशाद, सोमनाथ डुडेजा, पवन कुमार व् मदन कालरा ने बच्चो की लम्बी आयु की कामना करते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि समाज के सभी वर्गों के सहयोग से थैलासीमिया के प्रति जागरूकता लाने और थैलासीमिया के बच्चों को नियमित रूप से रक्त उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी।
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