Monday 25 May 2020

आईएमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा हाउ टू मैनेज फाइनेंस पर कॉन्फ्रेंस : मंथली बैलेंस शीट व मासिक असेसमेंट पर ध्यान देने का आह्वान


फरीदाबाद 25 मई। वित्त विशेषज्ञ एवं प्रमुख चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री सुनील पांडे ने कोविड-19 के कारण एमएसएमई सेक्टर के समक्ष चल रहे हैं आर्थिक संकट का सामना करने के लिए एमएसएमई सेक्टर से अपनी मंथली बैलेंस शीट बनाने व मंथली एसेसमेंट पर ध्यान देने का आह्वान किया है।
यहां सुप्रसिद्ध औद्योगिक संगठन आई एम एसएमई ऑफ इंडिया द्वारा हाउ टू मैनेज फाइनेंस इन प्रेजेंट टाइम विषय पर आयोजित एक विशेष कॉन्फ्रेंस में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री पांडे ने कहा कि बदलते परिवेश में सीएफओ की भूमिका भी बदली है और वह केवल वित्त संबंधी हिसाब-किताब रखने के लिए ही नहीं, बल्कि बिजनेस को आगे बढ़ाने में भी सहायक हो सकता है।
श्री पांडे ने कहा कि मौजूदा समय में परेशानियां सबके समक्ष आई हैं, परंतु जो समस्या का समाधान कर सकता हैं, अवसर उनके लिए ही हैं।
आपने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले समय में बिक्री को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है, उद्योग चलाने के लिए नकदी की आवश्यकता है। ऐसे में सरकार कई योजनाएं लेकर आई है परंतु इसके लिए एक सिस्टम को अडॉप्ट करना पड़ेगा, जिसके लिए हमें अपनी आंतरिक प्रक्रिया को बेहतर बनाना होगा।
आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने सेमिनार में उपस्थित 100 से अधिक उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्थिति कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 15 मार्च से 25 मई तक कोई बिक्री नहीं की ग‌ई, जिससे जून में किसी भी प्रकार की पेमेंट आने की उम्मीद नहीं है, फाइनेंस को लेकर जो शेड्यूल चल रहा था वह प्रभावित हुआ है और हमें उद्योग चलाने के लिए नकदी की आवश्यकता है।
 श्री चावला ने सरकार द्वारा दी गई वित्तीय सहायता का उल्लेख करते हुए कहा कि बैंक में ऋण को लेकर जो स्थिति किसी भी संस्थान की 29 मार्च को थी, उस ऋण का 20% बढ़ाकर अतिरिक्त ऋण उसे मिल सकता है। आपने बताया कि अतिरिक्त ऋण के लिए यदि आवेदक उद्योग प्रबंधक चाहेगा तो प्रथम वर्ष मोराटोरियम रहेगा, अर्थात केवल इंटरेस्ट ही देना होगा और शेष राशि का भुगतान 3 वर्षों में करना होगा, यही नहीं इस अतिरिक्त ऋण के लिए 9 से 14% तक ही ब्याज राशि का प्रावधान है।
श्री चावला ने उद्योगपतियों से आह्वान किया कि वे अतिरिक्त ऋण को केवल बिजनेस और रॉ मेटीरियल के लिए ही लें, ताकि नकदी की समस्या से बचा जा सके। श्री चावला ने कहा कि यदि कोरोना वायरस के प्रभावों तथा इसके कारण उद्योगों के समक्ष आ रही समस्याओं का मोटे तौर पर आकलन किया जाए तो साफ है कि कुल लायबिलिटी भी 20% तक ही बनती है जिसे अतिरिक्त ऋण से हल किया जा सकता है।
श्री चावला ने कहा कि आज हमें समझना होगा कि समस्याएं बढ़ रही हैं, ऐसे में हमें नए अवसरों व संभावनाओं को तलाश करना होगा। श्री चावला ने कहा कि सिडबी भी औद्योगिक संस्थानों की काफी मदद कर रही है और आई एम एस एम ई ऑफ इंडिया का प्रयास है कि उद्योगों को वर्तमान संकट के दौर से उबारने के लिए सिडबी की भी सहायता ली जाए।
 श्री सुनील पांडे की लिक्विडिटी, प्रॉफिटेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी संबंधी विचारों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री चावला ने कहा कि हमें निरंतर सुधार के क्रम को अपनाना होगा।
आपने कहा कि आईएमएस‌एम‌ई ऑफ इंडिया एक अलग तरह का प्लेटफॉर्म है, जहां केवल जानकारी ही नहीं दी जाती बल्कि समस्या का समाधान भी करवाया जाता है।
श्री चावला ने आईएमएस‌एम‌ई ऑफ इंडिया द्वारा दी जाने वाली भावी सहायता व योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि बैंक केवल 14 माह की बैंक स्टेटमेंट को ही टर्नओवर मानकर वर्किंग कैपिटल के लिए 20% राशि प्रदान करें।
 आपने बताया कि इस संबंध में एक अलग क्रेडिट सेल बनाया गया है और इसके साथ ही प्लेसमेंट सेल का गठन किया गया है। श्री चावला ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में कई क्षेत्रों में नौकरियों को लेकर संकट बढ़ेगा और कई नए क्षेत्रों में अवसर सामने आएंगे, ऐसे में यह प्लेसमेंट सेल उद्योगों के लिए नई उम्मीदें लाएगा ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा सकता है।
एमएसएमई सेक्टर के समक्ष वित्त संबंधी समस्याओं पर विचार व्यक्त करते हुए आपने कहा कि वास्तविक स्थिति यह है कि एमएसएमई सेक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट व सीएफओ की सेवाएं प्रभावी रूप से नहीं ले पाता जिसके लिए भी आने वाले समय में आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने  अपने सदस्यों को यह सेवाएं प्रदान करने का योजना तैयार की है।
श्री चावला ने वित्त विशेषज्ञ श्री सुनील पांडे द्वारा मंथली मोड में बैलेंस शीट, वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार करने, कैश फ्लो तथा रिस्क मैनेजमेंट पर भी ध्यान देने के सुझाव पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सदस्यों की मांग के अनुरूप संगठन निकट भविष्य में अपने सदस्यों के अकाउंटेंट्स व वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देने की भी योजना बनाएगा।
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