Tuesday, 16 June 2020

अवसाद से बचाने के लिये विशेष चिकित्साबल गठित करना समय की मांग : एस के तनेजा


फरीदाबाद, 16 जून। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के ट्रेनिंग एंड सेमिनार पैनल के चेयरमैन श्री एस के तनेजा ने हाल ही में फिल्म अभिनेता सुशांत राजपूत द्वारा की गई आत्महत्या तथा वर्तमान परिवेश में युवाओं में अवसाद की बढ़ रही संख्या पर चिंता व्यक्त करते कहा है कि इस संबंध में आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे लोगों को समय पर मनोचिकित्सक के सुझाव व दिशा निर्देश मिल सकें। श्री तनेजा ने जर्मनी के सुप्रसिद्ध साइक्रिटिक्स विक्टर फ्रैंकल का उदाहरण देते कहा है कि उन्होंने मैन सर्च फॉर मीनिंग नामक विश्वविख्यात पुस्तक लिखी और वे एक महिला की कहानी सुनाते थे जिसने उन्हें बताया कि वह जीवित नहीं रहना चाहती और आत्महत्या करना चाहती है। फ्रैंकल ने उसे डिस्प्रैशन अवसाद से बचने के कई तरीके बताए और महिला ने यह वादा किया कि वह आत्महत्या नहीं करेगी। काफी समय उपरांत जब वे महिला दोबारा मिली तो उसने फ्रेंकल को बताया कि जो उपाय उन्होंने बताए थे उसकी वजह से नहीं बल्कि आधी रात तक उन्हें अपनी बात सुना उसने आत्महत्या का विचार त्याग दिया। श्री तनेजा का मानना है कि जब हम किसी की बात सुनते हैं तो उसका दर्द कम हो जाता है। आपने इस संबंध में अवसाद में घिरे लोगों को सुनने के लिये विशेषज्ञों की नियुक्ति पर बल देते कहा है कि पिछले तीन माह में जो स्थिति बनी हुई है वह वास्तव में घातक है क्योंकि जिसे यह लगता है कि उसे सुनने वाला कोई नहीं और उसके स्त्रोत समाप्त हो रहे हैं और आशा की कोई किरण नहीं तो वह अवसाद में आ ही जाता है। श्री तनेजा ने इस संबंध में केेंद्र व राज्य सरकारों से विशेष चिकित्साबल गठित करने का आग्रह भी किया है।
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