Friday 12 June 2020

ई लर्निंग में नवाचार अपना रोचक बना रहे शिक्षण


फरीदाबाद 12 जून। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में शिक्षक ई शिक्षण में  नवाचार अपना कर शिक्षण में रोचकता लाने का प्रयास कर रहे हैं और बच्चों की उत्सुकता और ग्राहयता को बढ़ाने में शिक्षण में सहायक सामग्री का उपयोग कर रहे हैं। विद्यालय के प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि सभी विषयों को नवाचार द्वारा रुचिकर पाठ्य सामग्री एवं टीचिंग लरर्निंग मटेरियल से आसानी से सीखा जा सकता है और अंग्रेजी, गणित तथा विज्ञान शिक्षण में सहायक सामग्री की भूमिका और भी बढ़ जाती है। रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने आगे कहा कि अनुसंधान पर आधारित नवाचारों से शैक्षिक स्तर को रूपांतरित ही नहीं बल्कि शैक्षिक चिंतन से कर्म का चरित्र बदलने की कोशिश की जा रही है। शिक्षा में नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका है। नवाचार बच्चों के सहज विकास की प्रकिया के साथ ताल-मेल बिठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं हम यह देखने की कोशिश करते हैं कि बच्चा अपनी गतिविधियों से क्या सीख पा रहा है यदि हम यह देख पाएं तो ढेरों नवाचार और शिक्षण विधियां अपने आप जन्म लेती हैं, जिनसे हम बच्चों को जटिल, उबाऊ और अरुचिकर शिक्षण से हटाकर, सरल आनंददायी और रुचिकर शिक्षा दे सकते हैं। नवाचार अपने काम के प्रति रचनात्मक, ज़िम्मेदार, ठोस व व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने का एक सशक्त माध्यम होता है। मनचन्दा ने कहा कि विद्यालय की गणित प्राध्यापिका जसनीत कौर, एस एस मिस्ट्रेस अंशुल, विज्ञान अध्यापिका साधना, गृह विज्ञान अध्यापिका रेखा, प्राइमरी अध्यापिका अमृत कौर सहित अन्य अध्यापक शिक्षण को खेल खेल में सीखने तथा रुचिकर पाठ्य सामग्री ई शिक्षण के माध्यम से ग्रुप में प्रेषित कर रहे है। प्रधापिका जसनीत कौर और विज्ञान अध्यापिका साधना को खंड शिक्षा अधिकारी डॉक्टर इंदू गुप्ता द्वारा स्टार टीचर आफ द वीक पुरस्कार से अलंकृत भी किया गया है। एस एस मिस्ट्रेस अंशुल ने बच्चों को खेल खेल में और सरलता से एक्शन वर्डस, प्रिपोजिशन, एक्शन वर्डस, कंपाउंड वर्डस, पोजिशनल वर्डस, एडजेक्टिवस आदि के सुंदर पोस्टर बना कर रोचक और आकर्षक तरीके से ग्रुप में शेयर किए और बच्चों से फीडबैक भी लिया, बच्चों का फीडबैक बहुत ही उत्साहवर्धक आया तथा उन्होंने सभी टॉपिक्स को आसानी से सीख लिया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कोरोना महामारी के कारण विद्यालय बंद होने पर अध्यापकों द्वारा नई विधियों से ई शिक्षण को रोचकता देने के लिए सराहना की तथा कहा कि सीमित संसाधनों के बाद भी सभी अध्यापक बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए कर्तव्यबद्घ और प्रयासरत हैं।
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